आकाशीय बिजली गिरने से हुयी मौत के बाद मृतकों के परिजनों को 48 घंटे के भीतर मिली चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले में पिछले दो दिनों के दौरान अचानक मौसम परिवर्तन एवं तेज गर्जना के साथ हुई बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की कई दुःखद घटनाएं सामने आईं। अलग-अलग क्षेत्रों में कुल पाँच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतकों के परिजनों को राहत सहायता उपलब्ध कराई गई है।







पहली घटना : 15 जून को दोपहर लगभग 2:30 बजे चौसा अंचल के अंतर्गत सोनपा गांव निवासी 18 वर्षीय रोशन कुमार, पिता – श्री रामाशंकर सिंह, भैंस चराने खेतों में गए थे। इसी क्रम में अचानक आकाशीय बिजली गिरने से उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

दूसरी घटना : चौसा नगर पंचायत, वार्ड संख्या 06 में 16 जून की दोपहर लगभग 1:30 बजे, गंगा तट के समीप एक पेड़ के नीचे बैठे चार युवक आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। इस हृदयविदारक हादसे में तीन युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों की पहचान इस प्रकार है:
1. वीरेंद्र गोंड (उम्र 50 वर्ष), पिता – स्व. सूरज गोंड
2. मिथिलेश कुमार राम (उम्र 18 वर्ष), पिता – बलिराम राम
3. झोला यादव (उम्र 50 वर्ष), पिता – बहादुर सिंह
घायल सोनू राम (उम्र 18 वर्ष), पिता – नंद जी राम को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
तीसरी घटना : देवढ़िया गांव, अंचल राजपुर, 16 जून को दोपहर करीब 2:00 बजे राजपुर अंचल के देवढ़िया गांव में भी आकाशीय बिजली गिरने की एक अन्य घटना हुई, जिसमें एक 12 वर्षीय बालक अंकुश कुमार, पिता – प्रेम जीवन की मृत्यु हो गई। इस घटना में अनंत राम (उम्र 35 वर्ष), पिता – माधव राम घायल हो गए जिन्हें तत्काल सदर अस्पताल, बक्सर में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन की त्वरित कार्यवाही
इन दुखद घटनाओं की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिला पदाधिकारी विद्यानंद सिंह के निर्देशानुसार तथा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के नियमानुसार मृतकों के आश्रितों को प्रति व्यक्ति चार लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार के माध्यम से आज दिनांक 17 जून 2025 को उपलब्ध करा दी गई है। जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान विशेष सतर्कता बरतें। विशेष रूप से खुले मैदान, नदियों के किनारे, ऊंचे पेड़ों या बिजली के खंभों के आसपास रुकने से परहेज करें। साथ ही, आपदा की स्थिति में तत्क्षण प्रशासनिक सहायता के लिए जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।

