इटाढ़ी रोड फाउंडेशन स्कूल में दो वार्षिक पत्रिकाओं का भव्य विमोचन, शिक्षा जगत की नई दिशा बनी मिसाल




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के इटाढ़ी रोड स्थित फाउंडेशन स्कूल का प्रांगण शनिवार की शाम एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बना, जब विद्यालय परिवार एवं जी. डी. मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में दो महत्वपूर्ण वार्षिक पत्रिकाओं का भव्य विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर जहाँ “Our Explorations” पत्रिका, जिसे विद्यालय के समर्पित शिक्षक-शिक्षिकाओं ने लिखा है वहीं जी. डी. मिश्रा इंस्टीट्यूट की वार्षिक पत्रिका “नवपरिवर्तन” का भी विमोचन किया गया। जो शिक्षा में नवाचार को प्रोत्साहित करने और जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षकों को अपने विचार साझा करने का मंच प्रदान करेगी।









कार्यक्रम में लगभग एक हजार की संख्या में जिले भर के सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षक, शिक्षिकाएं, प्रधानाचार्य, विद्यालय के निदेशक और प्रोफेसर उपस्थित रहे। शिक्षकों की इतनी बड़ी उपस्थिति स्वयं इस आयोजन की महत्ता और भव्यता को प्रमाणित कर रही थी। विद्यालय का परिसर रंग-बिरंगी लाइटों से सुसज्जित था, और हर कोना अपने शिक्षक समाज के स्वागत के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। फाउंडेशन स्कूल एवं जी. डी. मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज के निदेशक प्रदीप कुमार मिश्रा, निर्देशिका मोनिका दत्त मिश्रा एवं मेंटर्स डॉ. राजेश्वर मिश्रा, डॉ. मंदाकिनी पांडे और मिस मान्या मिश्रा ने मुख्य अतिथियों एवं उपस्थित सभी शिक्षकों का अंगवस्त्र एवं मोमेंटो से स्वागत और सम्मान किया। विद्यालय की परंपरा के अनुरूप सभी आगंतुक शिक्षकों का आदर पूर्वक अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बक्सर नगर परिषद की चेयरमैन कमरून निशा, इटाढ़ी के चेयरमैन संजय पाठक सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने दोनों पत्रिकाओं का संयुक्त रूप से विमोचन एवं उद्घाटन किया।






इस अवसर पर सभी गणमान्य अतिथियों ने विद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे जिले में शिक्षा जगत की नई दिशा देने वाला कदम बताया। विद्यालय के छात्रों-छात्राओं की प्रस्तुतियाँ दर्शक दीर्घा में बैठे सभी शिक्षकों और अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर गईं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में न केवल कला और प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ बल्कि साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया, जिसकी सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।
फाउंडेशन स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मनोज त्रिगुण ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों के योगदान की सराहना की और भारत की प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रकाश डाला। प्रदीप मिश्रा ने संस्थाओं की यात्रा ओर लड़कियों के शिक्षा पर विशेष बल दिया ओर बताया ओर इनकी महत्ता समाज के निर्माण में अति महत्वपूर्ण है। मिस मान्या मिश्रा ने विद्यालय और कॉलेज के शिक्षा क्षेत्र में योगदान की चर्चा करते हुए अपने माता-पिता प्रदीप मिश्रा एवं मोनिका दत्त मिश्रा की दूरदर्शिता को प्रणाम किया। उन्होंने युवाओं और शिक्षकों के बीच संबंधों पर अपने विचार रखे और कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं बल्कि जीवन के वास्तविक मूल्यों से जुड़ी है। डॉ. राजेश्वर मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए और उपस्थित सभी शिक्षकों को अपने गुरु के प्रति कुछ शब्द लिखकर साझा करने के लिए प्रेरित किया। यह पल कार्यक्रम की शोभा को और भी विशेष बना गया।
जी. डी. मिश्रा इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. जे. आर. चौधरी ने “नवपरिवर्तन” पत्रिका का उद्घाटन संदेश पढ़ा और उसमें योगदान देने वाले सभी शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। विद्यालय परिसर का दृश्य शाम से रात तक आलोकित और सजीव बना रहा। यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और संवाद की एक मिसाल बना, बल्कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच संबंधों को भी और प्रगाढ़ कर गया। कार्यक्रम का समापन डिनर के साथ हुआ, जहां सभी अतिथियों और शिक्षकों ने एक साथ भोजन किया और फिर हृदय में नई प्रेरणा और उत्साह लेकर अपने-अपने घरों को लौटे।कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का योगदान की प्रशंसा की गई।कार्यक्रम के सफल योगदान में रामायण राय, अनिल ओझा, मीना मैडम, प्रकाश मिश्रा, संजीव सिंह, राजीव पाठक, संजीत किशोर, फराज खान, कोमल मिस, अकादमिक एक्सीलेंस हेड एस के दुबे, कॉलेज के प्रोफेसर एवं विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का योगदान रहा।
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