बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाएं कही विपक्ष की साजिश तो नहीं ? : पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार में लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं विपक्ष की गहरी साजिश बू आ रही है उक्त बातें शुक्रवार को पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा। उन्होंने गुरुवार की सुबह पटना के पारस अस्पताल में बक्सर के चन्दन मिश्रा की हत्या बेख़ौफ़ अपराधियों ने किया जो पुरे बिहार को झकझोर दिया। साथ ही बिहार के अलग-अलग हिस्सों में हो रही हालिया चौंकाने वाली और निर्मम हत्याओं ने हर जागरूक नागरिक के मन में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, आखिर इस डर और अराजकता से किसे लाभ मिल रहा है?









उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में कोई भी जिम्मेदार पार्टी या सत्ता में बैठा कोई भी नेता इस तरह की घटनाएं नहीं चाहेगा, क्योंकि ऐसे समय में जनता का विश्वास सबसे महत्वपूर्ण होता है। तो फिर सवाल उठता है आखिर इसके पीछे कौन है? और क्यों? जब एनडीए गठबंधन लगातार यह आशंका जताता रहा है कि यदि इंडिया अलायंस सत्ता में आता है तो जंगलराज की वापसी हो सकती है, तब यह घटनाएं कहीं इसी डर को झूठा साबित करने की किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं? यह भी गौर करने लायक है कि वही विपक्षी ताकतें आज सरकार पर ‘गुंडाराज’ का आरोप लगा रही हैं और ऐसी घटनाओं के सहारे इसे सच साबित करने का प्रयास कर रही हैं। यह एक गहरी साजिश और घिनौनी राजनीति की बू देता है, जहां सत्ता पाने के लिए आम लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है।






यदि यह सच है, तो यह न केवल निंदनीय है बल्कि भयावह भी है। यदि कोई राजनीतिक दल सत्ता में आने के लिए जनता के बीच डर और अराजकता का माहौल बनाता है, तो सोचिए कि सत्ता में आने के बाद वह समाज को कहां ले जाएगा। ऐसे समय में बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन का यह नैतिक और संवैधानिक दायित्व है कि वे इसे भीतरी खतरे के रूप में चिन्हित करें और इसके विरुद्ध युद्ध स्तर पर अभियान चलाएं। पूर्व-रोकथामात्मक और सक्रिय पुलिसिंग की जरूरत अब पहले से कहीं अधिक है। बिहार को उन राजनीतिक भाड़े के गुर्गों का अखाड़ा नहीं बनने दिया जा सकता, जो सत्ता की हवस में जनता की सुरक्षा तक दांव पर लगाने को तैयार हैं। बिहार की जनता को शांति, सम्मान और सुरक्षा का जीवन चाहिए – यह उनका अधिकार है। किसी भी व्यक्ति की सत्ता की लालसा के आगे इसे बलि नहीं चढ़ाया जा सकता।
श्री मिश्रा ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त आपराधिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कठोर कार्रवाई हो। खुफिया जानकारी आधारित पुलिसिंग के जरिए घटनाओं को रोकने की दिशा में कार्य हो। पीड़ित परिवारों को त्वरित न्याय दिलाया जाए और पारदर्शी जांच हो। सरकार जनता को लगातार स्पष्ट व भरोसेमंद जानकारी देकर उनका विश्वास बनाए रखे। बिहार की स्थिरता और सुरक्षा सिर्फ एक राज्य का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता से जुड़ा विषय है। लोकतंत्र में सत्ता सेवा के जरिए मिलती है, भय और हिंसा फैलाकर नहीं। बिहार की जनता सब देख रही है और यह सब भूलेगी नहीं। अब निर्णय और कार्रवाई का समय है।
वही अंत में एक सवाल के जबाब में कहा की बिहार जिम्मेवार पुलिस अधिकारी द्वारा किसानों को अपराधी बताया जाना काफी निंदनीय है।
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