हिंदी साहित्य के विकास में अपने विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित हुए चार साहित्यकार
सम्मानित होने वाले साहित्यकारों में डॉक्टर अरुण मोहन भारवि, श्रीभगवान पांडे, अतुल मोहन प्रसाद एवं वशिष्ठ पांडे है शामिल




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना ने अपनी स्थापना के 106वें वर्ष तथा 43 वां अधिवेशन में बक्सर के चार मूर्धन्य साहित्यकारों तथा शब्द शिल्पियों को रविवार को पटना सम्मेलन सभागार में सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान हिंदी साहित्य के विकास में उनकी विशिष्ट योगदान के लिए दिया है। सम्मानित होने वालों में साहित्यकार है डॉक्टर अरुण मोहन भारवि, श्रीभगवान पांडे, अतुल मोहन प्रसाद एवं वशिष्ठ पांडे। सम्मान समारोह की अध्यक्षता सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ द्वारा किया गया जबकि मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉक्टर सीपी ठाकुर उपस्थित रहे।







इस अवसर पर सुप्रसिद्ध समालोचक एवं शिक्षा विदडॉक्टर अरुण मोहन भारवि को हिंदी साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान के लिए अंग वस्त्र प्रमाण पत्र एवं पुष्प कुछ देखकर सम्मानित किया गया। डॉक्टर भारवि के चार उपन्यास सहित दर्जनों पुस्तक के साहित्य की अमूल्य थाती है। गीत गजल कविता में खास स्थान बनाने वाले श्री भगवान पांडे को उनकी कला एवं गला के लिए सम्मानित किया गया। किस्म किस्म के फूल शरीके आपकी आधा दर्शन संपादित काव्य कृतियां साहित्य की थाती मानी जाती है।

इस अवसर पर हिंदी साहित्य में लघुकथा के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित करने वाले अतुल मोहन प्रसाद तथा आशु कवि एवं प्रबंध काव्याकर के रूप में कवि वशिष्ठ पांडे को सम्मानित किया गया। जिले के इन सभी धरोहर को सम्मानित होने पर भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी, भोजपुरी साहित्य में हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष प्रोफेसर बलिराज ठाकुर, सम्मेलन का स्थानीय अध्यक्ष महेश्वर ओझा महेश, महामंत्री शिव बहादुर पांडे सहित अनेक साहित्य प्रेमियों ने बक्सर की मिट्टी का गौरव बढ़ाने वाले साहित्यकारों को बिहार हिंदी सम्मेलन द्वारा सम्मानित किए जाने का स्वागत करते हुए सम्मानित होने पर साहित्यकारों को बधाई दी है।

