RELIGION

भगवान को साधन से नही, साधना से नहीं, वरन भाव और भक्ति से प्राप्त किया जा सकता है : आचार्य धर्मेंद्र 

सती घाट पर लाल बाबा आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह यज्ञ में कथा के तीसरे दिवस 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

विश्व प्रसिद्ध महामनिषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के समर्थ शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपापात्र  ब्रहृमपुर पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज (पूर्व कुलपति) की सन्निधि में नगर के सती घाट पर लाल बाबा आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह यज्ञ में कथा के तीसरे दिवस जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र ब्रह्मपुर पीठाधीश्वर ज.गु.रा.विद्या वाचस्पति आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज ने वेद व्यास जी के मन मे उत्पन्न विसाद को मिटाने व शांति हेतु देवर्षि नारद द्वारा बताए गये मार्ग पर प्रकाश डालते हुए द्रौपदी, उत्तरा, सुभद्रा और कुंती के दिव्य चरित्र की कथा सुनाया।

 

कथा के दौरान देवर्षि नारद के तीन जन्मो की कथा सुनाते हुए विदुर मैत्रेय संवाद की चर्चा करते हुए कहा कि जो है नही, पर है। जैसा लगता है, वह माया है। माया से छुटकारा पाने का उपाय है। मायापति की शरणागति। जैसे ही जीव मायापति के शरण मे जाता है वैसे ही माया मानव जीवन मे बाधक नहीं, वरन साधक, सहयोगी बन जाती है। आगे आचार्य जी ने कहा भगवान को साधन से नही, साधना से नहीं, वरन भाव से, भक्ति से, गुरुकृपा से प्राप्त किया जा सकता है। भगवान को भाव, प्रेम प्रिय है। राम ही केवल प्रेम पियारा, जान लेहु जो जाननि हारा।  साथ ही सृष्टि विस्तार कथा करते हुए मनु शतरूपा के पुत्र उत्तानपाद, प्रियव्रत  और पुत्रियां देवहूति, आकृति, प्रसुति के वंश की दिव्य कथा को प्रस्तुत करते हुये सती चरित्र का वर्णन करते हुये शिव पार्वती विवाह की झांकी सहित प्रस्तुत करते हुए विवाह संस्था में प्रविष्ट कुरीतियों के निवारणार्थ तिलक दहेज मुक्त, प्रदर्शन रहित विवाह संस्कार संवर्धन हेतु आग्रह किया।

 

कथा सुनते हुए आचार्य धर्मेंद्र भक्त विहृल हो जाते, कथामृत का पान करते अघाते नहीं। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने हेतु बक्सर प्रक्षेत्र के साथ ही यूपी से भी स्त्री पुरुष पधार रहे हैं। श्रीमद्भागवत का मूल पाठ पंडित अशोक द्विवेदी द्वारा किया जा रहा है। प्रबंध व्यवस्था में महंत सुरेन्द्र बाबा और उनके सहयोगी, यज्ञ समिति के स्थानीय भक्त व क्षेत्रीय लोग भक्ति भाव से सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। मौसम भी अनुकूल बनता जा रहा है।

 

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