नाम की जगह काम को अहमियत देते थे निर्मल प्रसाद – राजेश शर्मा
सोमवार को तेरहवीं पर निवास स्थान बुधन पुरवा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे दर्जनों शिक्षक, छात्र व समाजसेवी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
निर्मल प्रसाद बिना प्रचार प्रसार, वगैर सोशल मीडिया के सक्रिय रूप से समाज में अपने महती भूमिका दर्ज करने वाले शख्स थे वह जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यरत रहे और जिला शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र डायट से अवकाश प्राप्त किया पारिवारिक दायित्व के निर्वहन के साथ-साथ उन्होंने कुछ ऐसे कार्य भी किया जिसकी सराहना सामाजिक रूप से एक मिसाल बन गयी। उक्त बातें उनके तेरहवीं पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए शिक्षक नेता राजेश शर्मा ने कहा।








कांग्रेस नेता डॉ सत्येंद्र ओझा ने कहा कि निर्मल प्रसाद व्यक्तित्व के धनी एवं सामाजिक रूप से एक जागरुक व्यक्ति थे उनका लोगों से व्यक्तिगत लगाव था। और समाज में अपनी भूमिका बेबाकी से निर्वाह करते थे। कई छात्रों छात्र नेताओं शिक्षक एवं शिक्षा विभाग से संबंधित मसलों को समाधान करने में लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। मुद्दा उनके पास आया नहीं की बस समाधान तक उन्हें आराम नहीं मिलता था। डॉक्टर ओझा ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद व असहनीय है। की निर्मल चाचा अब हम लोगों के बीच नहीं रहे। उन्होंने बताया कि निहाल खान, हसन खान, राजेश कुमार शर्मा, रमेश राम, दिनेश कुमार, लालू प्रसाद, संजय यादव, सतीश कुमार वर्मा (शिक्षक ) बक्सर के प्रसिद्ध एवं मशहूर युवा पत्रकार कुमार पंकज यहां तक की प्रसिद्ध लेखक एवं साहित्यकार कुमार नयन के अत्यंत प्रिय एवं करीब थे।



राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि 3 दिसंबर को वे संध्या 6:30 पर उन्होंने अपने निवास स्थान बुधन पुरवा में अंतिम सांस ली। और सोमवार को आयोजित उनके श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राजेश कुमार शर्मा ने ग़ज़ल गो कुमार नयन दा के गजलों को पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जो खुद को हरा सके वह मेरे साथ चले जो बुझे दिए जला सके वो मेरे साथ चले कौन कहता है फरिश्ता बनकर जीने के लिए आदमी है हम तो हम में आदमी जिंदा रहे। वहीं निर्मल प्रसाद की पुत्री प्रियंका कुमारी (शिक्षिका ) जिसे कुमार नयन ने अपनी पुत्री कहा करते थे। नमक आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । उनके बड़े बेटे अनिल कुमार संजय कुमार, पंकज कुमार, उनके बड़े भाई बरमेश्वर प्रसाद सिंह, अमित कुमार, राजेश कुमार, दिवाकर मिश्रा, भरत प्रसाद, प्रशांत कुमार चंदू, एकलव्य पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर रंजीत कुमार सिंह, शिक्षिका सोनी कुमारी, नीतू कुमारी, शशि, मध्य विद्यालय फफदर के प्राचार्य प्रमोद मिश्रा, मध्य विद्यालय पुराना भोजपुरी के प्राचार्य शिवजी प्रसाद शिक्षकगण में खैर सर, अग्नि सिंह, सूर्यदेव राय, शाहिद सहित सैकड़ो लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। निर्मल प्रसाद अपने पीछे तीन पुत्र एवं एक पुत्री सहित नाती अंश कुमार एवं नातिन आरोही कुमारी को छोड़ गए हैं। धन्यवाद ज्ञापन के दौरान निहाल खान ने कहा कि निर्मल चाचा की सच्ची श्रद्धांजलि उनके अधूरा कार्यों को पूरा करने से होगी हम उन्हें अंतिम सांस तक याद करते रहेंगे।

