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गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर, जिले के लगभग दो दर्जन गांव प्रभावित, मुक्तिधाम डूबा

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
जिले में गंगा नदी का जलस्तर अब पूरी तरह विकराल रूप ले चुका है। खतरे के निशान 60.80 मीटर को पार करते हुए गंगा नदी का जलस्तर 48 सेंटीमीटर ऊपर, यानी 61.28 मीटर तक पहुंच गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर से जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हर तीन घंटे में जलस्तर 1 सेंटीमीटर की रफ़्तार से बढ़ रहा है। मंगलवार की शाम 6 बजे तक जलस्तर 60.80 सेंटीमीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से काफी अधिक है। बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव चौसा, बक्सर सदर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड में देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों के लगभग दो दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं। गांवों की सड़कें, खेत, घर और सार्वजनिक स्थल पानी में डूब गए हैं। शहर की ओर भी बाढ़ का पानी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। मंगलवार की देर शाम तक बक्सर शहर के कई हिस्सों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। सदर प्रखंड के छोटका नुआंव, करहंसी पंचायत ठोरा नदी के पानी से जलमग्न हो गया है।

 

शवदाह स्थल भी जलमग्न

चरित्रवन स्थित प्रसिद्ध मुक्तिधाम पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, जिससे अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी में डूबे होने के कारण शवदाह की प्रक्रिया बाधित हो गई है और वैकल्पिक स्थल की तलाश की जा रही है। बाढ़ की भयावहता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, जैसे सूखा राशन, पीने का पानी, मेडिकल सुविधा और नाव की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित गांवों में पहुंच रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।


मिलकिया गांव के लगभग दो दर्जन घरो में ठोरा का पानी प्रवेश कर गया है

जिला पदाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने बताया कि जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि ने बक्सर जिले को गंभीर बाढ़ संकट में डाल दिया है। जहां प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, वहीं लोगों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर भी चुनौतियां बढ़ रही हैं। आने वाले कुछ दिन हालात और बिगड़ सकते हैं, ऐसे में सतर्कता और प्रशासनिक सहयोग ही एकमात्र उपाय है।

रामरेखा घाट का पुराना विवाह मंडप

 

 

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