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जिले के तीनों जेलों में पहुंची प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनें कैदियों को बांधी राखी

न्यूज़ विज़न। बक्सर
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बक्सर द्वारा बुधवार को जिले के तीनों जेलों, सेंट्रल जेल, मुक्त कारागार व महिला मंडल कारा में रक्षाबंधन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कारागार एक ऐसा स्थान है जहां जाने के बाद कोई भी व्यक्ति का आत्मविश्वास व आत्मबल घटना शुरू हो जाता है। यह ईश्वरीय राखी हर एक मनुष्य आत्मा का परमात्मा के साथ एक ऐसा अटूट डोर है जो कैसी भी आत्मा हो उसको बल व शक्ति प्रदान करता है जिससे कि वह आत्मा खुद की बुराइयों के ऊपर जीत पाकर एक अच्छा इंसान बने और बेहतर समाज की परिकल्पना पूर्ण हो सके।

 

इसी परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ब्रह्माकुमारी के द्वारा हर वर्ष ही विशेष रूप से तीनों जेलों की सेवाएं अवश्य होती हैं जिससे कि हमारे कैदी भाई जिस भी कारण से चाहे आपराधिक भाव से या आक्रोश वश, जिस भी कारण से कैदी बने हो उन्हें अच्छा आचरण सीखाने का प्रयास हुआ। रक्षाबंधन कार्यक्रम के दौरान बहुत सारे कैदी भावुक हो गए जिन्होंने धीमे स्वर में बताया कि समय बीतने के पश्चात धीरे-धीरे परिवार वाले भी बहुत संसीमित या ना के बराबर ही उनका हालचाल पूछने या उनसे मिलने आ पाते हैं, बहुत सारे भाई तो ऐसे भी मिलें जिनकी कलाई उनके घर वालों की राखी के बिना सूनी रह जाती है परंतु उन्होंने बताया की ब्रह्माकुमारी दीदी जब आती हैं तो उनके मन में भी आस जग जाती है कि मेरी कलाई भी इस वर्ष राखी से भरी होगी और यह सिलसिला हर वर्ष ही पूर्ण होता है।

 

कार्यक्रम के दौरान तीनों ही जेलों में सभी कैदियों को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी रानी दीदी ने बताया कि चाहे संसार उनसे मुख मोड़ ले परंतु वह हैं तो परमात्मा के ही संतान उनकी ही रचना है इसलिए परमात्मा उनसे मुख कैसे मोड़ सकता है भले ही कर्म बिगड़ने के कारण आप सब की ऐसी अवस्था है फिर भी भगवान ने हम बहनों को आपकी सेवा के लिए भी बांध के रखा है। वहीं ब्रह्माकुमार अंकित ने सभी कैदियों व श्रोताओं को बताया कि कारावास के माहौल को भी यदि वे चाहें तो अपने अनुकूल बना सकते हैं -व्यर्थ चिंतन या बदले की भाव आदि के बजाय परमार्थ व परमात्म चिंतन कर यदि वे अपनी दिनचर्या में धारण करते हैं तो उनकी कारावास की अवधि कैसे सहज रूप से पूर्ण हो जाएगी उन्हें पता भी नहीं चलेगा। और यहीं वास्तव में राखी का सच्चा-सच्चा हम सभी के प्रति उपहार है।

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