जुर्माना और चेतावनी के साथ सील मुक्त किये गए जिले के 32 अस्पताल
जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार की बैठक लिया गया फैसला, 25 अस्पतालों पर लगभग तेरह लाख का हुआ जुर्माना
न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिला प्रशासन द्वारा बीते 28 अक्टूबर को जिला अंतर्गत संचालित लगभग तीन दर्जन नर्सिंग होम, क्लिनिक अस्पताल आदि की जांच कराई गई। जांच के क्रम में बिना निबंधन के एवं अवैध रूप से संचालित नैदानिक स्थापनों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए सील कर दिया गया था।
नियमानुसार सभी नैदानिक स्थापनों को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया गया एवं अग्रेत्तर करवाई हेतु 14 नवम्बर को सभी सदस्यों की उपस्थिति में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार की बैठक आयोजित की गई। जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी, सदस्य आरक्षी अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, आईएमए के जिला अध्यक्ष तथा संयोजक सिविल सर्जन शामिल रहे। बैठक के दौरान कुल 32 स्थापनों द्वारा लिखित रूप से अपना पक्ष रखा गया। जिस पर एक-एक कर गहन समीक्षा की गई। नैदानिक स्थापनों द्वारा बिहार नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण और विनिमय नियमावली), 2013 के नियमों के उल्लंघन में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार के द्वारा सर्वसम्मति से शास्ति अधिरोपित/चेतावनी निर्गत करते हुए इस शर्त के साथ सील मुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया कि वे निर्धारित मानकों का पालन करते हुए रजिस्ट्रेशन होने के उपरांत ही अपने अस्पताल, नर्सिंग होम का संचालन करेंगे।
इसके साथ ही बैठक में तय मानकों के आधार पर 25 अस्पतालों पर आर्थिक दंड के साथ जुर्माना लगाया गया है, जिसमे 1 के विरुद्ध 1,25,000 रु., 2 के विरुद्ध 1,00,000 रु., 5 के विरुद्ध 75,000 रु., 12 के विरुद्ध 50,000 रु., 5 के विरुद्ध नवीकरण शुल्क के साथ नवीनीकरण के आवेदन प्रस्तुति तक प्रतिदिन 100 रु० की आर्थिक दंड लगाया गया। इसके अलावा कुल 07 अस्पतालों को चेतावनी निर्गत किया गया है। शेष सभी अस्पतालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई हेतु सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया।