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पूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं के चेहरे पर लौटी मुस्कान, रक्षा पेंशन प्रयागराज द्वारा रुकी हुई पेंशन एवं एरियर का हुआ भुगतान 

भव्य सम्मान समारोह में डॉ. मयंक शर्मा का आश्वासन कोई भी पूर्व सैनिक या वीरांगना अपने वेलफेयर से वंचित नहीं रहेगा

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं के लिए यह सप्ताह गौरव और खुशी का प्रतीक बन गया जब रक्षा पेंशन प्रयागराज में एक ऐतिहासिक एवं भव्य समारोह का आयोजन किया गया। 27 और 28 जुलाई को आयोजित इस दो दिवसीय समारोह में देश के विभिन्न कोनों से आए हजारों पूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं को उनकी रुकी हुई पेंशन और एरियर की राशि चेक के रूप में वितरित की गई। इस अवसर पर उन्हें अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया गया।

 

इस भव्य आयोजन का नेतृत्व रक्षा पेंशन महानियंत्रक डॉ. मयंक शर्मा ने किया, जिन्होंने अपने ओजस्वी भाषण और सशक्त प्रयासों से सभी उपस्थितों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब देश का कोई भी पूर्व सैनिक या वीरांगना अपने वेलफेयर से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार एवं रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर निरंतर समाधान के प्रयास में लगी है। डॉ. मयंक शर्मा ने SPARSH (System for Pension Administration (Raksha)) पोर्टल की उपयोगिता पर विशेष प्रकाश डालते हुए बताया कि इस प्रणाली के लागू होने से अब पेंशनरों को लंबी कतारों और बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। यह पोर्टल उन्हें अपने जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने की सुविधा देता है, साथ ही यदि कोई त्रुटि है तो उसे भी घर बैठे आसानी से सुधार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्पर्श सेवा केंद्रों की स्थापना देश के हर जिले में की जा रही है ताकि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनर्स को भी लाभ मिले। जहां अभी स्पर्श केंद्र नहीं खुले हैं, वहां शीघ्र ही स्थापना की जाएगी।

 

रक्षा पेंशन प्रयागराज को देशभर की 14,000 बैंकों से कुल 32 लाख पेंशनभोगियों का डाटा प्राप्त हुआ था। इनमें से लगभग 6 लाख डाटा अपडेट नहीं हो पाया था। लेकिन डॉ. शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रधान नियंत्रक श्री संदीप सरकार और उनकी टीम ने दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुए अब तक 5 लाख डाटा को अपडेट कर दिया है। शेष डाटा भी शीघ्र ही अपडेट कर दिए जाने की प्रक्रिया में है। पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं ने जब वर्षों से लंबित पेंशन और एरियर की राशि अपने हाथों में पाई तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठीं। उन्होंने इस पहल के लिए रक्षा पेंशन अधिकारी श्री मनोज सिंह की सराहना करते हुए उनका ज़ोरदार अभिनंदन किया। श्री मनोज सिंह को भी अंगवस्त्र पहनाकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। समारोह में डॉ. मयंक शर्मा का भाषण जैसे ही समाप्त हुआ, वहां उपस्थित जनसमूह में उत्साह की लहर दौड़ गई। देश के कोने-कोने से आए पूर्व सैनिकों ने ‘डॉ. मयंक शर्मा जिंदाबाद’ के नारों से कार्यक्रम स्थल को गूंजा दिया। यह समारोह न केवल वित्तीय सहायता का प्रतीक बना, बल्कि यह पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के मन में सम्मान, सुरक्षा और अपनत्व की भावना को भी दृढ़ कर गया।

 

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