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अतिक्रमण हटाने का जारी निर्देश के बाद ज्योति प्रकाश चौक के दुकानदारों में हड़कंप, बैठे धरना पर 

पक्कीकरण वाली दुकान जो नगर परिषद को टैक्स देते है उन्हें नहीं हटाना है : एसडीओ  

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बड़ी नहर किनारे से 243 अवैध रूप से बने दुकानों एवं झोपड़ियों को हटाने का निर्देश जारी होने के बाद शहर के ज्योति प्रकाश चौक के दुकानदारों में हड़कंप मच गया। और बार बार विभाग द्वारा जारी किये जा रहे निर्देश के खिलाफ स्थायी निदान को लेकर धरने पर बैठ गए।

 

पांच दिन पूर्व ज्योति प्रकाश मार्केट एवं विश्वामित्र मार्केट के दर्जनों दुकानों पर लगाया गया लाल निशान 

ज्ञात हो की नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर बने 68 दुकानदारों में सिंचाई विभाग एवं नगर परिषद के आपसी खींचातानी में ज्योति प्रकाश मार्केट व विश्वामित्र मार्केट के दर्जनों दुकानों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। सदर एसडीओ ने पत्र जारी कर सोन नहर अवर प्रमंडल, बक्सर 36 सौ वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर बनाए गये दुकानों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश जारी किया है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख भी पत्र में अंकित किया गया है। उक्त निर्देश के बाद दुकानदारों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। वजह है कि सिंचाई विभाग की परती जमीन पर बने व्यवसायिक दुकानों को अवैध बता लगभग पांच दिन पूर्व क्रास का निशान  लगाया गया है, जिस दुकानों को नगर परिषद ने ही बनवाकर दुुकानदारों को नियमानुसार आवंटित किया है।

 

शुक्रवार को नगर परिषद ने दुकानों का किया नंबरिंग 

दुकानदारों के सामने अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। जिन दुकानों को प्रशासन ने अतिक्रमण के दायरे में रखकर हटाने का फरमान जारी किया है। सिंचाई विभाग की ओर से दुकानों को लाल रंग के पेंट से क्रॉस का निशान बनाकर अतिक्रमण के दायरे में ला दिया है। उन्हीं दुकानों को शुक्रवार को नगर परिषद की ओर से पीला रंग का पेंट कर लाल रंग से नंबरिंग करने का कार्य किया गया।बता दें कि ज्योति प्रकाश मार्केट और विश्वामित्र मार्केट का उद्घाटन 17 मार्च1992 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एवं तत्कालीन डीएम दीपक कुमार ने किया गया था। आज उन दुकानों को अभियान चलाकर हटाने का फरमान जारी किया गया है।

दुकानदारों ने कहा 32 वर्षों से नगर परिषद को टैक्स देते आ रहे है 

ज्योति प्रकाश मार्केट और विश्वामित्र मार्केट के दर्जनों दुकानदारों ने कहा कि 1992 में दुकानों का आवंटन मिलने के बाद आज तक नगर परिषद को लगातार किराया देते आ रहे हैं। किराया देने के बाद बकायदे रसीद भी नगर परिषद की ओर से उपलब्ध कराया जाता है। जब नगर परिषद किराया वसूल रहा है तो ये दुकानें अवैध कैसे। यह बात समझ में के परे है। दुकानदार संजय सिंह, उदय कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, अमित कुमार, हीरा लाल सिंह, दिनेश सिंह, पिंटू कुमार, मो आजाद आदि दुकानदारों ने इस संबंध में डीएम को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन देकर न्याय करने की गुहार लगाई है।

धरने पर बैठे दुकानदार 

ज्योति प्रकाश मार्केट और विश्वामित्र मार्केट से दुकानों को हटाए जाने के विरोध में दुकानदारों ने शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए है। जिसकी सूचना मेल के द्वारा डीएम, सचिव नगर विकास विभाग पटना एवं सम्बंधित विभाग किया गया है। यह आंदोलन नगर परिषद दुकानों का पुन: एग्रीमेंट करने, दुकानों का मरम्मत कराने, दुकानों का किराया एक समान करने एवं दुकानों का स्थाई प्रबंध करने की मांग को लेकर किया गया है। धरना में अजय सिंह कुशवाहा, संजय सिंह, सुनील कुमार, रामशंकर सिंह, खुर्शीद आलम , अमित कुमार, मनोज कुमार समेत अनेको दूकानदार शामिल रहे।

“इस सम्बन्ध में एसडीओ धीरेन्द्र मिश्रा ने बताया की जो पक्के की दुकान है उन्हें नहीं हटाना है जो की नगर परिषद को टैक्स देते आ रहे है। हमने जो निर्देश जारी किया है इसमें अस्थायी रूप से झोपडी या शेड बना दुकान चला रहे है अथवा रह रहे है और जिनकी सिचाई विभाग से लीज समाप्त हो जाने के बाद भी कब्ज़ा जमाये बैठे है उन्हें हटाने का निर्देश जारी किया गया है।”

 

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