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डॉ. दिलशाद आलम ने अहियापुर के पीड़ित परिवार को लिया गोद, बच्चों की पढ़ाई और शादी में मदद का भरोसा

न्यूज़ विज़न। बक्सर
अहियापुर में हुए हालिया नरसंहार की गूंज पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर चुकी है। इस दुखद घटना में पीड़ित परिवारों को राहत और संबल देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता एवं मानवाधिकार संगठन से जुड़े डॉ. दिलशाद आलम ने एक सराहनीय पहल की है।

 

डॉ. आलम ने पीड़ित परिवार को गोद लेते हुए बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य में विवाह आदि जिम्मेदारियों का वहन करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार की टीम इस कार्य में पूर्ण रूप से तैयार है और हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है। डॉ. आलम ने इस नरसंहार की कड़ी भर्त्सना करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन से इस मामले में तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

 

इस कठिन घड़ी में डॉ. आलम ने बिहार प्रदेश मानवाधिकार संगठन के सचिव के रूप में स्वयं जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने मौके पर बक्सर प्रशासन द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों की सराहना की और कहा कि प्रशासन की संवेदनशीलता प्रशंसनीय है। मौके पर उपस्थित परिवारों को साबित खिदमत अस्पताल का ‘गोल्डन कार्ड’ भी प्रदान किया, जिससे वे आर्थिक संकट की स्थिति में भी मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और गोल्डन कार्ड के जरिए उन्हें अस्पताल में सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध होंगी।

इस अवसर पर डॉ. आलम की टीम के कई सदस्य भी मौजूद थे, जिनमें अलाउद्दीन, मनीष कुमार, विजय, शशिकांत और ग्राम सचिव कन्हैया सिंह प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने मिलकर परिवार को सहायता पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाई।Ψ

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