बाल श्रम के विरुद्ध जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, चार बच्चे विमुक्त, दोषियों पर एफआईआर




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिला प्रशासन बक्सर द्वारा बाल श्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। डीएम डॉ. विद्या नन्द सिंह के निर्देश पर मंगलवार को ब्रह्मपुर बाजार स्थित शिव मंदिर के पास विशेष धावा दल ने छापेमारी की। इस अभियान का उद्देश्य जिले को बाल श्रम मुक्त बनाना था। इस विशेष छापेमारी में ब्रह्मपुर, चौसा, चक्की एवं नावानगर प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी शामिल थे। अभियान के दौरान कुल चार नाबालिग बच्चों को बाल श्रम के कार्य से विमुक्त कराया गया। ये सभी बच्चे अलग-अलग दुकानों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत पाए गए।







बच्चों को दी गई त्वरित सहायता:
छुड़ाए गए चारों बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति, बक्सर को सौंप दिया गया है, जहां उनकी देखरेख एवं पुनर्वास की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक बच्चे को त्वरित राहत के तौर पर ₹3,000 की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत ₹25,000 की अनुदान राशि प्रदान करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है, जिससे इन बच्चों और उनके परिवारों को सामाजिक व आर्थिक संबल मिल सके।

दोषी नियोजकों पर सख्त कार्रवाई:
धावा दल की कार्रवाई के बाद बाल श्रम में संलिप्त पाए गए सभी दोषी नियोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दी गई है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रति बच्चा ₹2,000 का जुर्माना भी आरोपित किया गया है, जिसे संबंधित नियोजकों से वसूला जाएगा।
जिला प्रशासन की चेतावनी:
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बक्सर जिलांतर्गत बाल श्रम के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई गई है। बाल श्रम एक गंभीर अपराध है और इसके उन्मूलन के लिए प्रशासन सतत कार्रवाई कर रहा है। जिले में किसी भी कीमत पर बच्चों से मजदूरी नहीं कराई जाएगी। दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन ने आगामी दिनों में भी नियमित निरीक्षण एवं छापेमारी की कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। श्रम विभाग, बाल संरक्षण इकाई और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयासों से जिले को बाल श्रम मुक्त करने का संकल्प लिया गया है।

