65 प्रतिशत आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर 28 नवंबर को राजद का धरना




न्यूज़ विज़न। बक्सर
वर्ष 2017 में बिहार में जो सरकार बनी थी उसमें राजद सहयोगी पार्टी थी। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जातीय गणना कराने की मांग रखी थी। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने जातीय गणना कराएं, जिसमें लाखों रुपये खर्च हुए। इसमें 65 प्रतिशत आरक्षण देने की बात तय की गई थी। लेकिन, भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार आरक्षण देने के मामले काे दबा दिए। उक्त बातें राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह ने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा और कहा कि इसके अलावा अन्य कई मुद्दे को लेकर पार्टी के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय पर 28 नवम्बर को धरना दिया जायेगा।








उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सरकार उदासीन है। इसके चलते दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग काे आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। पात्र वर्ग काे आरक्षण दिलाने की लड़ाई राजद अंतिम दम तक लड़ेगी। इसके विरोध में आगामी 28 नवंबर काे अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के पास शांतिपूर्ण धरना का आयोजन किया जाएगा। धरना के माध्यम से राज्यपाल काे आरक्षण का मामला बताने का काम करेंगे। आरक्षण का लाभ लाभुकों काे मिलना चाहिए। आरक्षण काे लेकर पहले राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने लड़ाई थी आज हम कार्यकर्ता लड़ेंगे।



मौके पर इफ्तेखार अहमद उर्फ डुडु, संतोष भारती, आनंद रंजना, सत्येंद्र अाजाद, अर्जुन यादव, भीम पासवान, उमाशंकर सिंह, ददन पासवान, विनोद यादव, विनोद कुमार उर्फ मंटू समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
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