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कलाकारों का डिजिटल पहचान दिलाने हेतु बिहार सरकार का नया कदम : शुरू हुआ कलाकारों का पंजीकरण पोर्टल 

यह पोर्टल बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा : प्रतिमा कुमारी 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि कलाकारों को एक डिजिटल पहचान और व्यापक मंच देने के लिए बिहार सरकार ने बिहार कलाकार पंजीकरण पोर्टल https://artistregistration.bihar ration.bihar.gov.in शुरू किया है। इस पर जिले का कोई भी कलाकार अपना पंजीकरण करा सकते हैं एवं विभाग के साथ पंजीकृत हो सकते है। यह पोर्टल कलाकारों को पहचान दिलाने और लुप्त होती कलाओं को संरक्षण देने में सार्थक सिद्ध होगा।

बिहार सरकार निरंतर कलाकारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उनकी लोक कला का संरक्षण करने के लिए नई-नई योजनाओं पर काम कर रही है। पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद कलाकारों को अपनी पहचान बनाने के साथ साथ रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। यह पोर्टल बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा। जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी ने जिले के सभी कलाकारों से अनुरोध किया कि वे इस पोर्टल पर शीघ्र पंजीकरण करें और राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं। पंजीकरण प्रक्रिया में कोई समस्या हो तो जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

 

पोर्टल का उद्देश्य है कि राज्य के कलाकारों को सरकारी योजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, पुरस्कारों और सांस्कृतिक आयोजनों से जोड़ना है। पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि कलाकार पोर्टल पर जाकर रजिस्टर now विकल्प का चयन कर मोबाइल नंबर के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, प्रत्येक कलाकार को एक यूनिक आईडी प्रदान की जायेगी, जो सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आवश्यक होगी। इससे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में भागीदारी, सरकारी योजनाओं और अनुदानों के बारे में समय पर जानकारी मिलेगी। बिहार की सांस्कृतिक विरासत अपनी विशिष्टता और समृद्धता के लिए जानी जाती है। इसकी कला और परंपराएँ इतिहास और पौराणिक कथाओं से गहराई से जुड़ी हुई हैं, जो इसे एक अनूठी पहचान प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं का केंद्र होने के नाते, बिहार ने न केवल अपनी कला और संस्कृति को विकसित किया है, बल्कि अन्य संस्कृतियों को भी प्रभावित किया है और उनसे प्रेरणा ग्रहण की है।

यहाँ के कलाकार अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति और संवेदनशीलता के माध्यम से इस विरासत को जीवंत बनाए रखते हैं। वे कला के विभिन्न रूपों के जरिए समाज को नई दृष्टि प्रदान करते हैं और परंपरा तथा आधुनिकता के संतुलन से सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध बनाते हैं। उनकी सृजनशीलता न केवल प्रचलित मान्यताओं को चुनौती देती है, बल्कि कला के माध्यम से सामाजिक बदलाव की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बिहार सरकार द्वारा लगातार कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में नए योजनाओं एवं नवाचारों पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बिहार द्वारा 15 फ़रवरी को बक्सर जिले में प्रगति यात्रा के दौरान डुमरांव में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय की स्थापना के लिए कुल 1452.15 लाख (चौदह करोड बावन लाख पन्द्रह हजार) रूपये मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। बिहार राज्य में संगीत के क्षेत्र में यह प्रथम कॉलेज की स्थापना होगी, जिससे बिहार एवं अन्य राज्यों के युवाओं को सुनहरा अवसर मिलेगा। इसके साथ-साथ बक्सर शहर में 620 क्षमता का अटल कला भवन निर्माण के लिए कुल 1973.26000 लाख रुपए (उन्नीस करोड़ तिहत्तर लाख छब्बीस हजार) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। अटल कला भवन निर्माण से विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में सुविधा होगी एवं बक्सर की पहचान के रूप में स्थापित होगा।

 

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