अक्षय नवमी पर आंवले पेड़ की पूजा कर परिवार और मित्रों के साथ किया प्रसाद ग्रहण
आंवला पेड़ के नीचे ही भोजन बनाकर खाने की है मान्यता
न्यूज़ विज़न। बक्सर
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को यानी रविवार को श्रद्धालुओं ने आंवले पेड़ की पूजा पूरे मनोभाव के साथ की। इस दौरान महिलाओं ने पहले दूध व गंगाजल से अभिषेक किया। इसके बाद पेड़ के तने में कच्चा सूत लपेटते हुए 108 बार परिक्रमा की तथा धूप, दीप, अक्षत, गंध, पुष्प से पूजन कर आंवले वृक्ष की आरती उतारी और समृद्धि और सेहत वृद्धि का वरदान मांगा। वहीं, ब्राह्मणों को द्रव्य, अन्न आदि का दान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दौरान शहर के बाईपास रोड काली मंदिर, सिंडिकेट झुन बाबू के बागीचा, चरित्रवन आदि इलाकों में कई लोग आंवला पेड़ के नीचे ही भोजन बनाकर परिवार और मित्रों के साथ प्रसाद ग्रहण करते देखे गए। जो किसी पिकनिक स्पॉट से कम प्रतीत नहीं हो रहा था। वही पंडित मुन्ना दुबे ने बताया कि आंवले का वृक्ष घर में लगाना वास्तु की दृष्टि से भी शुभ है। वैसे तो पूर्व दिशा में बड़े पेड़ को नहीं लगाना चाहिए। परंतु, आंवले के वृक्ष को इस दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। सेहत की दृष्टि से भी आंवले का सेवन बहुत उपयोगी है।
पद्म पुराण में आंवला वृक्ष को साक्षात विष्णु का स्वरूप बताया गया है। यह विष्णु प्रिय है और इसके स्मरण कर लेने मात्र से गो-दान के बराबर फल मिलता है। कर्मकांडियों ने कहा कि अक्षय नवमी की पूजा करने से सुख-समृद्धि व शांति की कामना के साथ-साथ कई जन्मों तक पुण्य क्षय न होने का लाभ मिलता है।