प्राकृतिक व जैविक खेती मिट्टी और मानव जीवन के वरदान है: डीएओ
प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को संयुक्त कृषि भवन में दी गई ट्रेनिंग


न्यूज विजन। बक्सर
संयुक्त कृषि भवन में प्राकृतिक व जैविक खेती से जुड़े किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया। कार्यशाला के आयोजन अर्थ गंगा के तहत एनएमसीजी की ओर से किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने प्राकृतिक व जैविक खेती के महत्वों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती मिट्टी और मानव जीवन दोनों के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके जगह जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होती है। वहीं प्राकृतिक खेती से उपजाए गये अनाज का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।
वहीं जैविक कॉरिडोर योजना के डीपीएम ऋषभ राज ने बताया कि प्राकृतिक खेती में पानी की बचत होती है। वहीं रासायनिक उर्वरक का लागत खर्च भी कम हो जाता है। मौके पर सहायक निदेशक प्रक्षेत्र शालीग्राम सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, जैविक अंकित कुमार, मास्टर ट्रेनर, प्राकृतिक संजय पाठक ने प्राकृतिक व जैविक खेती करने के लिए किसानों को जागरूक किया। प्रशिक्षण शिविर में सौ से अधिक किसान व कृषि सखियों ने हिस्सा लिया।





