श्री राम के राज्याभिषेक से पहले राजा दशरथ से कैकई ने मांगा वनवास
श्री राम कथा में बैकुंठनाथ जी महाराज ने राम वन गमन व केवट प्रसंग का किया वर्णन


न्यूज विजन। बक्सर
लाल बाबा आश्रम, सती घाट बक्सर मे आश्रम के महंत श्री सुरेंद्र जी महाराज के सानिध्य में चल रही श्री राम कथा में लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज जी के कृपा पात्र जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी बैकुंठनाथ जी महाराज पीठाधीश्वर माया मधुसूदन धाम, हरिद्वार ने राम वन गमन और केवट प्रसंग का वर्णन किया। राम वन गमन एवं केवट प्रसंग का विस्तृत चर्चा सुनकर सभी श्रोता भावविभोर हो गये।
कथा व्यास स्वामी श्री बैकुंठनाथ जी महाराज ने कहा कि राजा दशरथ ने कैकई को वचन तो दे दिया पर उसके वाद वे निशब्द होकर रह गए। रघुकुल की मर्यादा के लिए उन्होंने अपने प्रिय पुत्र का वियोग स्वीकार कर लिया। कथा व्यास ने कहा कि कुसंगति हमेशा हानिकारक होता है। मन्थरा दासी की कुसंगति के कारण ही कैकई की मति मारी गई और उसने राम के राज्याभिषेक से ठीक पहले उनके लिए वनवास मांग लिया। वहीं श्रीराम ने पिता के वचन का का मर्यादा को रखते हुए इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया और वन को प्रस्थान किया।
वनगमन के दौरान रास्ते में केवट ने श्रद्धा भाव से भगवान राम के पैर धोए थे। साथ ही उन्हें गंगा पार कराई। बदले में केवट ने उनसे भवसागर पार कराने का वरदान मांग लिया। भगवान के चरण धोकर केवट की पीढ़ियां तर गईं। कथा सुन वहां मौजूद सभी श्रद्धालु जय श्री राम का जयघोष करने लगे। कथा के अंत में सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। कथा सुन श्रोता भाव विहवल हो गये और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति महसुस किये। कथा के दौरान भक्ति मय वातावरण बना रहा। स्वामी जी महाराज ने बताया कि भगवान भाव के भूखे होते हैं। केवट के भाव से प्रसन्न होकर भगवान श्री राम जी केवट को दर्शन दिए।
लाल बाबा आश्रम के महंत श्री सुरेन्द्र जी महाराज ने बताया कि श्री राम कथा 15 दिसंबर तक चलेगा और 16 दिसंबर को भव्य भंडारा के साथ आयोजन का समापन होगा। मौके पर युवा जदयू के प्रदेश महासचिव आजाद सिंह राठौर, नीरज सिंह, झूना पांडेय, पुना बाबा, रणधीर श्रीवास्तव, दुर्गेश पांडेय, प्रह्लादजी, मनोज वर्मा, संतोष गुप्ता, बबलू तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, बिनोद जायसवाल, संतोष शर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, सिद्धनाथ तिवारी, आकाश जयसवाल, नागेन्द्र वर्मा, कमलेश यादव, ओमकार, महेश जयसवाल, आरती गुप्ता मौजूद थे।





