आर्म्स एक्ट मामले में दोषी युवक को तीन वर्ष की सजा, कोर्ट ने लगाया जुर्माना

 

न्यूज विज़न।बक्सर
अनुमंडलीय न्यायिक पदाधिकारी रंजना दुबे की अदालत ने शुक्रवार को आर्म्स एक्ट के एक पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी मंतोष तिवारी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को तीन वर्ष के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।
 
 
 
 
 
 
 
 
अभियोजन पदाधिकारी राकेश कुमार राय ने बताया कि यह मामला वर्ष 2017 का है। 2 मई 2017 को राजपुर थाना पुलिस गश्ती पर निकली थी। इस दौरान देवल पुल के पास चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। उसी वक्त उत्तर प्रदेश की ओर से आ रहे एक युवक को पुलिस ने संदेह के आधार पर रोक लिया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक लोडेड देशी कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद किया। पूछताछ में युवक की पहचान खीरी गांव निवासी स्व. ललन तिवारी के पुत्र मंतोष तिवारी के रूप में हुई। पुलिस ने मौके पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया और थाने लाकर आर्म्स एक्ट समेत दो अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया।
 
 
 
 
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों और पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज कराए, जिनमें बरामदगी और गिरफ्तारी की पुष्टि हुई। सभी साक्ष्यों और बयानों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने आरोपी मंतोष तिवारी को दोषी पाया। अदालत ने दोनों मामलों में तीन-तीन वर्ष की सजा और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी कुल सजा की अवधि तीन वर्ष ही मानी जाएगी। इस फैसले के साथ सात वर्ष पुराने इस मामले का निपटारा हो गया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह फैसला कानून व्यवस्था और अवैध हथियार रखने वालों के लिए एक सख्त संदेश है।
 





