मानव तन धारण कर धरती पर आने को लालायित रहते हैं देवता: उमेश भाई ओझा
हनुमत धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में उमेश भाई ओझा ने भागवत जी में विविध कथाओं का किया वर्णन


न्यूज विजन। बक्सर
पूज्य संत ब्रह्मलीन श्रीरामचरितदास जी स्मृति में सदर प्रखंड के कमरपुर स्थित हनुमत धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को कथा व्यास उमेश भाई ओझा ने भागवत जी में विविध कथाओं का गान किया। काफी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं के बीच कथा कहते हुए भागवत को विरक्त का अधिकारी बताया। विरक्त, वैष्णव, निस्पृह एवं निर्लोभी हो, वही भागवत कथा कहने का अधिकारी हो सकता है। स्वर्ग के देवता भी मानव तन धारण कर धरा पर आने को देवता भी लालायित रहते हैं। भगवान की कथा रूपी अमृत जहां बरस रही वहां देवता, गंधर्व, मनु, नाग सभी रहना चाहते हैं।
संत के लक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा मैया के प्रकट होने की कथा प्रसंग को श्री शुकदेव मुनि ने परीक्षित जी को सुनाया। गंगा संसार के लोगों की पाप धोती है और गंगा के पाप को संत, ऋषि, मुनि, वैरागी आदि धोया करते हैं। भगवान श्रीराम का अवतार सूर्यवंश में हुआ था त्रेतायुग में जबकि द्वापर युग में यही प्रभु यदुवंश में मां देवकी एवं वसुदेव बाबा के घर अवतरित हुए थे। कंस के कारागार मथुरा में हमारे हरि प्रकट हुए।
आठवी संतान के रूप में पालन पोषण यशोदा मैया एवं नंद बाबा के घर एवं बाललीला भी वहीं हुई। भगवान श्रीकृष्ण ने अनेक बाल लीलाएं की। षष्ठी की रात पूतना राक्षसी का उद्धार किया। माखन चोरी तो आम बात थी। यह रहस्यात्मक तथ्य है। भगवान माखन चोरी की लीला कर सभी गोप-ग्वालों का मन चुराना चाहते थे। उखल बंधन की लीला में प्रभु ने संकेत में ऐश्वर्य दिखा दिया। ऐश्वर्य प्रभु का तब छुप जाता है जब किसी प्रेमी के प्रेम की डोरी में बंध जाते हैं। सध्या भजन कार्यक्रम में गुड्डू पाठक, विकास तिवारी, कमलेश कुंवर, उमेश जायसवाल इत्यादि ने अपनी प्रस्तुति दी। गोपाल चतुर्वेदी, सीताराम चतुर्वेदी, जयशंकर तिवारी, श्यामजी, बिहारी, रवि, मनोज समेत काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया।





