RELIGION

बक्सर यज्ञ की भूमि है, जहां हजारों ऋषियों व मुनियों ने तप किया : गंगापुत्र 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

सदर प्रखंड के कम्हरिया लाढ़ोपुर गंगाधाम आश्रम के तत्वाधान में महान मनीषी संत परमपूज्य श्री 1008 गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के देखरेख में पवित्र गंगा के गोद में चल रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दूसरे दिन कथा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही। यज्ञ के दौरान सवा लाख हनुमान चालीसा का अखंड हरिकीर्तन भी चल रहा है। श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने कथा में बक्सर महात्म्य पर चर्चा की। उन्हांेने बक्सर के हर धार्मिक पृष्ठभूमि पर विस्तार से श्रद्धालुओं को बताया।

 

गंगा पुत्र ने कहा कि सतयुग, त्रेता और द्वापर से सिद्धाश्रम बक्सर में यज्ञ होते आ रहा है। बक्सर यज्ञ भूमि है जहां हजारों ऋषियों व मुनियों ने तप किया है। उन्होंने कहा कि सिद्धाश्रम बक्सर कभी संत विहीन रहा ही नहीं है। यही वजह है कि बक्सर को सिद्धाश्रम कहा जाता है। सिद्धाश्रम के आगे कोई तीर्थ नहीं हुआ और ना आगे होगा। यह धरती आशीर्वाद युक्त धरती है। वामन अवतार की भूमि है बक्सर। भगवान वराह संकल्प लेते हैं कि हमारा बक्सर है। बक्सर की महिमा अपने आप में है। बक्सर के स्मरण मात्र से लोगों का कष्ट खत्म हो जाता है। बक्सर को बक्सर बनाने के लिए संतों को आगे आना होगा, तभी बक्सर दिव्य होगा। बक्सर के महात्म्य को सुनकर श्रद्धालु धन्य हो गये।

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