व्यवसायी सह ठेकेदार नीकु तिवारी ने प्रिंस सिंह पर लगाए अपहरण व रंगदारी के गंभीर आरोप, ब्राह्मण समाज में उठी सुरक्षा की मांग
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद नीकु तिवारी ने प्रेसवार्ता कर बताया : ऑफिस बुलाकर 20-25 लोगों ने पिस्तौल दिखाकर हमें जमीन पर गिरवाया; रिमार्जिन और मासिक कमीशन की मांग का आरोप, प्रशासन से सुरक्षा की अपील



न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं नगर परिषद के ठेकेदार नीकु तिवारी ने हाल ही में एक सनसनीखेज वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रेसवार्ता कर गंभीर आरोप लगाए। तिवारी ने कहा कि सोहनी पट्टी में चल रहे नगर परिषद के कार्य के लिए वह अपने मित्र संतोष चौबे के साथ गए थे, जहाँ कार्य स्थल पर मौजूद एक व्यक्ति आशुतोष राय ने उनकी टीम के मजदूरों के साथ गाली–गलौज की। बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ और वे लोग वहां से चले गए पर अगले दिन की घटना ने उन्हें दहशत में डाल दिया।








तिवारी ने आरोप लगाया कि अगले दिन उन्हें और उनके चाचा को पहले रामबाग निवासी प्रिंस सिंह ने अपने ऑफिस बुलाया और फिर हमें भी वहा प्रिंस द्वारा बुलाया गया जब हम रामबाग स्थित ऑफिस पहुँचे तो लगभग 20–25 लोग हथियारबंद मिले। उनके बयान के अनुसार, उन्हीं सदस्यों में से अभिषेक राय और प्रिंस सिंह ने उनके कनपट्टी और मुँह पर पिस्तौल तान दी और उन्हें जमीन पर गिरकर माफी मांगने पर मजबूर किया गया। तिवारी ने दावा किया कि उन्हें कई घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया और उनके मित्र संतोष चौबे को भी मजबूर कर माफी मंगवाई गई इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। नीकु तिवारी का आरोप है कि प्रिंस ने उनसे हर महीने 10 लाख रुपये और हर ठेकेदारी में कमीशन की मांग की, न देने पर “रामबाग में नहीं रह पाएंगे” जैसी धमकी दी गई। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा देने और मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।




ब्राह्मण समाज के नेता इस तरह के गलत कार्यों का विरोध नहीं करेंगे तो समाज के लोग अगले चुनाव में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करेंगे : बबली दुबे
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सामाजिक और राजनीतिक हस्ती बबली दुबे ने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं बल्कि पूरे ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा से जुड़ा मसला है। दुबे ने दावा किया कि प्रिंस कई बार जेल जा चुका है और उसके साथ उत्तर प्रदेश के कुछ बाहरी लोग भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि समाज के नेता इस तरह के गलत कार्यों का विरोध नहीं करेंगे तो ब्राह्मण समाज के लोग अगले चुनाव में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करेंगे। दुबे ने प्रशासन से तिवारी को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग रखी और साथ ही समाज में कुछ लोगों द्वारा ‘फेसबुकिया नेता’ बनने की आलोचना की। इस घटना के बाद शहर में तनाव का माहौल है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने मामला और तेज कर दिया है, जबकि कई लोग प्रशासन से त्वरित कार्यवाही की अपील कर रहे हैं।

