OTHERS

ब्रह्माकुमारी की मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी का 101 वर्ष की आयु में निधन

बक्सर आश्रम में शोक की लहर 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

मंगलवार की मध्य रात्रि 1:20 बजे ब्रह्माकुमारी की मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी ने अपने भौतिक शरीर का त्याग कर परमात्मा गोद लिया । 25 मार्च, 1925 को हैदराबाद, सिंध में एक समृद्ध और धार्मिक परिवार में जन्मी दादी रतन मोहिनी, जिनका नाम पहले लक्ष्मी था, बचपन से ही आध्यात्मिक भक्ति में डूबी हुई थीं। अक्सर अपने साथियों की तरह खेलकूद में शामिल होने के बजाय भगवान की पूजा करती थीं।

 

 

लक्ष्मी 12 साल की उम्र में, ‘ओम मंडली’ में उनकी पहली यात्रा – जो बाद में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुई। उन्होंने एक गहन आध्यात्मिक जागृति को चिह्नित किया। ‘ओम’ के जाप के बीच, उन्होंने अद्वितीय शांति और आनंद का अनुभव किया, जो उनकी सहज भक्ति का प्रमाण था। यह अनुभव तब और गहरा हो गया जब वह कश्मीर से लौटने पर पिताश्री ब्रह्मा बाबा से मिलीं। उन्होंने तुरंत आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस किया और उन्हें अपने सच्चे पिता, परमात्मा के रूप में पहचाना।

पहली वैश्विक सेवा: 

जापान 1954 में, दादी रतन मोहिनी दादी प्रकाशमणि और दादा चंद्रहास के साथ जापान में विश्व शांति सम्मेलन में अपने उद्घाटन विश्व सेवा मिशन पर निकलीं। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन था, जहां उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान फैलाने के लिए दैवीय रूप से नियुक्त महसूस हुआ। अतः अपने संपूर्ण जीवन काल में दादी ने हर एक पल को ईश्वरीय सेवा हेतु समर्पित कर दिया।  देते हुए बक्सर आश्रम की संचालिका रानी दीदी ने भावुक होकर बताया कि उनका भी दादी जी से बहुत गहरा लगाव था और इस ईश्वरीय जीवन में ब्रह्माकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में उनके दिव्य समर्पण कार्यक्रम में भी दादी जी की विशेष उपस्थिति रही थी। दादी जी की कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता लेकिन संपूर्ण ब्रह्माकुमारीज़ बक्सर दादी जी के प्रति शोक एवं भावपूर्ण संवेदनाएं व्यक्त करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button