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बिहार पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं की अनोखी पहल, शिक्षा को जोड़ा प्रकृति और संवेदना से 

"एक पेड़ माँ के नाम" शीर्षक से सभी ने लगाया एक एक पौधा, अगले तीन महीने तक सरक्षण की भी ली जिम्मेवारी 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

बृहस्पतिवार को बिहार पब्लिक स्कूल अहिरौली के छात्रों ने बुधवार को पर्यावरण को बचाने को लेकर एक अनुकरणीय पहल करते हुए स्कूल परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” शीर्षक को चरितार्थ करते हुए दर्जनों बच्चों ने एक एक पौधा लगाया जिसकी अगले तीन माह तक उन्हें निगरानी भी करनी होगी तत्पश्चात उन्हें प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

 

जब शिक्षा और विकास की धारणाएं पूरी तरह मानव-केंद्रित हो चुकी हैं, तो उसके परिणामस्वरूप प्रकृति के प्रति उपेक्षा और दोहन की प्रवृत्ति विकराल रूप लेती जा रही है। उपभोग की यह अंधी दौड़ अब शोषण में बदल गई है। जिस धरती ने हमें अन्न, जल, आश्रय, वस्त्र और जीवनदायिनी ऑक्सीजन दी, उसी धरती को हमने हाशिए पर खड़ा कर दिया है। विनाश की यह प्रक्रिया अब धीमी प्रलय का रूप ले चुकी है। आंकड़े भयावह हैं – पिछले 8000 वर्षों में पृथ्वी के मूल वन क्षेत्र का लगभग 40% नष्ट हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट चेतावनी देती है कि आज 10 लाख पशु और वनस्पति प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं -इनमें से अनेक आने वाले कुछ दशकों में इतिहास बन जाएंगी। यह संकट मानव सभ्यता के लिए अब केवल पारिस्थितिक नहीं, नैतिक और अस्तित्व का भी प्रश्न बन चुका है। इन्हीं चिंताओं को समझते हुए बिहार पब्लिक स्कूल, बक्सर के छात्रों ने  पर्यावरण बचाने को लेकर एक अनुकरणीय पहल की है। गुरुवार को विद्यालय के छात्रों ने “किताबों से बाहर निकलकर” ज्ञान को व्यवहार में लाते हुए एक जागरूकता अभियान चलाया। बच्चों ने अपने नन्हे हाथों में मिट्टी और पौधे उठाकर न केवल पौधारोपण किया, बल्कि संकल्प लिया कि जब तक वे इस विद्यालय में अध्ययनरत रहेंगे, तब तक उस पौधे की देखभाल भी करेंगे।

 

विद्यालय के प्रधानाचार्य विकास ओझा ने बताया कि इस अभियान का शीर्षक “एक पेड़ मां के नाम” रखा गया है, जिससे बच्चों में संवेदना, संबंध और प्रकृति के प्रति अपनापन विकसित हो सके। यह पहल न केवल पर्यावरणीय चेतना है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का भी माध्यम है। यह विश्वास है कि ऐसे ही बच्चे भविष्य में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनेंगे, जो मानवता और प्रकृति के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के समाधान खोजेंगे। विद्यालय प्रशासन ने यह भी घोषणा की कि तीन महीने तक पौधे की देखभाल करने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। यह नन्हा प्रयास बाल मन में दायित्व बोध, अनुशासन और सहानुभूति के बीज बोएगा – जो आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

इस अवसर पर वन विभाग भोजपुर प्रमंडल आरा की टीम तथा वनरक्षी, बक्सर वन प्रक्षेत्र के नीतीश भी उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह छोटे प्रयास भविष्य के बड़े बदलाव की नींव रखते हैं। विद्यालय के एडमिन निलेश चंद्रा ने इस अवसर पर बताया कि मातृत्व के सम्मान में वृक्षारोपण एक श्रद्धा प्रकट करना है – जैसे एक मां अपने बच्चे का पोषण करती है, वैसे ही पेड़ इस पृथ्वी पर जीवन का पोषण करते हैं। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण को मानवीय मूल्यों से जोड़ता है। बिहार पब्लिक स्कूल, बक्सर ने आज यह प्रमाणित किया कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है – बल्कि यह संवेदनशीलता, चेतना और समग्र विकास की यात्रा है। यह विद्यालय अब केवल शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक जागरूक समाज निर्माता के रूप में उभर रहा है।

 

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