बिहार सेंट्रल स्कूल का 25 वाँ स्थापना दिवस समारोह हर्षोल्लास पूर्वक मना
विद्यालय स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य था पाठ्यक्रम के साथ साथ बच्चों में सामाजिक मूल्यों को सींचना : आर वी बी सिंह




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल का 25 वाँ स्थापना दिवस समारोह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि विद्यालय के निदेशक आर वी बी सिंह उप निदेशक उर्मिला सिंह उपस्थित रहे। वही कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि द्वय एवं प्राचार्य आर राघवन व सचिव सरोज सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह में बिहार सेंट्रल सेंट्रल स्कूल की दूसरी शाखा व पाथवेज वर्ल्ड स्कूल के निदेशक डॉ आर राघवन, प्राचार्य नेहा सिंह, शिक्षक व सभी छात्र छात्राएँ उपस्थित रहें।









स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए निदेशक आर वी बी सिंह ने कहा कि इस विद्यालय की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया गया सन् 2000 में, विद्यालय स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य था पाठ्यक्रम के साथ साथ बच्चों में सामाजिक मूल्यों को सींचना व उनके नैतिक मूल्यों में रूपांतरित करना। शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित न रहकर वह बच्चों के सर्वांगीण विकास की परिचायक बने साथ ही उन्हें उच्च मूल्यों की स्थापना करना जो उन्हें एक गरिमामयी और आदर्श जीवन जीने की कला में पारंगत करें।
विद्यालय सचिव सरोज सिंह ने कहा कि विद्यालय की शुरुआत एक आधारभूत उद्देश्य को लेकर हुई है जिसे हम प्रत्येक वर्ष अपनी तमाम कोशिशों से प्राप्त करने का भी यथासंभव प्रयास करते है एक सकारात्मक आशा व समर्पण के साथ -साथ ही हम लोग अगले वर्ष विद्यालय की स्थापना की रजत जयंती एक नये कलेवर व नूतन संकल्प के साथ सभी अभिभावकों बच्चों व शिक्षकों के साथ मनाएंगे।




डुमरांव ब्रांच की प्राचार्य डॉ नेहा सिंह ने कहा है कि हम अपने डुमरांव के दोनों ब्रांच पाथवेज वर्ल्ड स्कूल डुमरांव और बिहार सेंट्रल स्कूल के बच्चे और अभिभावक शिक्षक और शिक्षिका से उम्मीद करते हैं कि मुख्य शाखा बक्सर के पथ मार्ग पर चलकर समाज को एक से बढ़कर एक संस्कारिक, मेहनती ज्ञान से भरपूर विद्यार्थी भविष्य के लिए बनाए जो सफल होकर देश और समाज को आगे ले जाए तथा मान-सम्मान बढ़ाएं।
वहीं सात, छः, आठ, नौ के बच्चे सौरभ, पियुष, किशन राज, आर्यन राज, हरिओम पाण्डेय, अंशिका, कंचन व अनन्या में समाज को खासकर बच्चों की सोशल मिडिया के गिरफ्त में आने और इसके दुष्प्रभाव को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। दूसरा नाटक ‘सिनेरियो ऑफ स्कूल’ था, इसके माध्यम से वर्ग आठ के बच्चों पंकज, रोहित, आदित्य नमन, अंकित व निर्भय पाण्डेय ने विद्यालय व छात्र के बीच असंतुलित हो रहे संबंधों को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का आरम्भ गणेश वंदना से शुरू हुई जिसे नौवीं की छात्रा अदिति व आठवीं की कंचन ने प्रस्तुत किया। इसके बाद आस्था व रक्षा नौवीं की छात्राओं में महाभारत के काव्य सर्ग को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। वर्ग तृतीय के अगस्त्य ने स्थापना दिवस पर अपना उद्गार व्यक्त किया, वर्ग वन के छात्रों ने पिता की भूमिका पर मनमोहक गीत प्रस्तुत किया, अनन्या, सलोनी- वर्ग सात व आठ की छात्राओं ने भजन गीत की प्रात्तुति की, वर्ग नर्सरी के बच्चों – परी, अदविका, आसी, आराधना में रागिनी सृष्टि आदि ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। वर्ग तीन की लभली व अराध्या ने मेरे घर राम आएंगे गीत को जीवतंता से प्रस्तुत किया। वर्ग पांच के अश्विनी ने- देशभक्ति गीत तेरी-मिट्टी का गायन प्रस्तुत किया।
समारोह का धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय विनय तिवारी ने किया व विद्यालय के सभी शिक्षक, एंकर बनी छात्राओं विद्यालय के प्रतिभागी छात्रों व अभिभावकों- को धन्यवाद दिया व अगले वर्ष सिल्वर जुबली के समारोह में आने का निमंत्रण दिये। इसके साथ ही सरोज सिंह ने नए सत्र में छात्रों के लिए खासकर बच्चों के लिए नामांकन शुल्क निःशुल्क व बच्चों के नामांकन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा की।
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