भागवत कथा कल्पवृक्ष है जो भक्तों के मनवांछित फल प्रदान करती है : आचार्य रणधीर ओझा
बारूपुर पंचायत के भरखरा गांव में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारम्भ




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के राजपुर प्रखंड अंतर्गत बारूपुर पंचायत के भरखरा गांव में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ शनिवार को हुआ। कथा में मुख्य यजमान दामोदर उपाध्याय रहे जिनके द्वारा व्यासपीठ का पूजन के पश्चात आचार्य रणधीर ओझा द्वारा कथा आरम्भ किया गया। इस दौरान आसपास क्षेत्र के गांव के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।







श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन मामा जी के कृपापात्र आचार्य रणधीर ओझा ने श्रीमद्भागवत महात्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कथा शुक शास्त्र है। यह शास्त्र डंके की चोट पर घोषणा करता है कि जो व्यक्ति मेरे शरण में आ जाता है उसके हृदय में मुझे प्रविष्ट होना पड़ता है। यह शुकदेव जी द्वारा गाया हुआ है, जिसके श्रवण मात्र से मुक्ति मुट्ठी में आ जाती है। आचार्य श्री ने कहा कि इस कथा में वह क्षमता है कि हरि जहां कहीं भी हो उनको वहां से गिरफ्तार कर श्रोता के हृदय रूपी कारागार में बंद कर देती है। यह कथा कल्पवृक्ष है भक्तों के मनवांछित फल प्रदान करती है। जीव चाहे जैसा भी हो विषयी, साधक या सिद्ध हर प्रकार के प्राणी इस कथा श्रवण के अधिकारी है।

आचार्य श्री ने कहा कि कृपालु महानुभावों द्वारा श्रीमद् भागवत में भगवान को पाने का नवीन एवं सरलतम मार्ग प्रकाशित कर दिया है। मानो संसार के सारे के सारे पाप अपने जीवन में अकेले किए हैं यदि वह कथा के आश्रय में आ जाए तो यह कथा उसको भी पवित्र करके धाम पहुंचा देती है। आचार्य श्री ने कहा कि जैसे अग्नि के पास ठंड नहीं टिक सकता, सूर्य के सामने अंधकार नहीं टिक सकता उसी प्रकार सुख सागर के निकट दुख नहीं आ सकता। यह कथा प्रेत पीड़ा विनाशिनी है। प्रेतत्व प्रेत योनि से मुक्ति दिलाकर भागवत पार्षद बनाती है। सांसारिक कामनाओं की पूर्ति तो अनायास ही सिद्ध हो जाती है। इसलिए हम सभी का परम कर्तव्य है कि अपने पूर्वजों के मुक्ति, संतुलित संस्कार तथा अपने जीवन को धन संपदा प्रदान करने के लिए एक बार श्रीमद् भागवत महापुराण जरूर सुनना चाहिए।
हम सभी सनातनियों का पुनीत कर्तव्य है कि जीवन में एक बार भागवत कथा का श्रवण अवश्य करें। कथा में मुख्य यजमान दामोदर उपाध्याय ने बताया कि यह कथा सायं 3 बजे से सायं 7 बजे तक चल रही है। कथा में बारूपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मिंटू उपाध्याय, शिवाकांत उपाध्याय आदि लोगों की अहम भूमिका रही।

