उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतियों ने छोड़ा 36 घंटे का उपवास
लोक आस्था के महापर्व पर शहर के गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब

 

न्यूज विजन। बक्सर
मंगलवार को सूर्याेपासना का महापर्व उदयीमान सूरज काे अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हाे गया। सुबह तीन बजे से व्रतियाें के परिजन प्रसाद से भरा दउरा लेकर आगे-आगे चल रहे थे। पीछे से व्रती और उनके परिजन छठी मइया की गीताें काे गाते हुए गंगा घाटाें की ओर बढ़ रही थी। वहीं कई व्रती  अपने घर से भूपरि करते हुए गंगा घाट पहुंचीं। शहर के  चयनित सभी 33 गंगा घाट व्रती और उनके परिजनाें से गुलजार रहा। गंगा घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ गया था। गंगा घाट से लेकर शहर की सड़कें और गलियां छठ गीत से गूंज उठीं।
 
 
 
 
 
 
 
 
व्रतियाें ने सुबह में उदयीमान सूरज काे अर्घ्य अर्पित कर 36 घंटे का उपवास ताेड़ा। व्रतियाें के परिजनाें और पंडित जी ने अर्घ्य दिलाया। छठ व्रतियों लोगों के बीच प्रसाद बांटे। परंपरा के अनुसार लाेग घाटाें पर व्रतियाें से प्रसाद मांगते हुए दिखें।
 
 
 
 
शहर के सिपाही घाट से लेकर अहिराैली स्राथित श्री राम घाट तक अद्भुत सजावट की गई थी। गंगा घाट रंग-बिरंगी और दूधिया लाइट से जगमगा रहे थे। छठ की छटा देख लाेग निहाल हाे गये। गंगा घाटाें की सजावट देख लाेग हैरान थे। गंगा पुल पर की गई सजावट भी लोगों को खूब भाया। अस्ताचलगामी सूर्य काे बीते सोमवार काे व्रतियाें ने अर्घ्य अर्पित किया।

शाम काे तीन बजे से ही व्रती और उनके परिजन घाट पर पहुंचने लगे। शाम ढलने के साथ ही गंगा घाट रंगीन दूधिया दूधिया रोशनी से नहा लिए। ऐसा लग रहा था कि घाट पर दीपावली का पर्व मनाया जा रहा हाे। जिला प्रशासन और नगर परिषद प्रशासन ने जिस तरह से छठ पूजा काे लेकर घाट पर तैयारी की थी, उसकाे हर काेई सराह रहा था। नगर परिषद प्रशासन ने दूसरी बार वीर कुंवर सिंह पुल को रंगीन लाइट से सजाया था, जाे काफी मनमाेहक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।

छठ व्रतियों की अगुवानी में हर काेई लगा हुआ था। शहर के मेन राेड, यमुना चाैक, ठठेरी बाजार माेड़, पीपी राेड, रामरेखा घाट राेड, स्टेशन राेड, गाेला बाजार राेड समेत अन्य सड़काें पर पूजा समितियाें व सामाजिक संस्था की ओर से आकर्षक सजावट की गई थी। व्रतियाें काे घाट तक पहुंचने में परेशानी नहीं हाे इसके लिए सड़क पर रंग-बिरंगे मैट बिछाए गये थे।

शहर के रामरेखा घाट, सती घाट, गाेला घाट, सिद्धनाथ घाट समेत अन्य घाटाें पर सात घाेड़ाें के रथ पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उदयीमान सूर्य काे अर्घ्य अर्पति करने के बाद छठ व्रतियाें व उनके परिजनाें ने पूजा पंडाल में जाकर भगवान भास्कर का दर्शन और पूजा-अर्चना की।

इस दाैरान पूजा समितियाें की ओर से सभी श्रद्धालुओं के बीच अर्घ्य देने के लिए गाय का दूध, प्रसाद और चाय का वितरण किया। गंगा घाटाें पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। शहर के अंदर बड़े वाहनाें का प्रवेश पर रोक थी। वहीं सभी घाटाें पर मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारी व जवानाें की तैनाती गई थी। वाॅच टाॅवर से हर गतिविधि पर अधिकारी नजर रख रहे थे।
 





