जिस पर भगवान प्रसन्न होते हैं सारी दुनिया उसका चरण चूमती है: उमेश भाई ओझा
श्री हनुमत धाम, कमरपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़


न्यूज विजन। बक्सर
पूज्य संत ब्रह्मलीन गोलोकवासी श्री रामचरितदास जी की प्रथम स्मृति पर आयोजित सत्रह दिवसीय विविध आध्यात्मिक कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रीमद्भागवत कथा के पंचायतन समाज के बीच पांचवें दिन अखंड हरिनाम संकीर्तन, श्रीराम चरितमानस का अखंड पाठ, संध्याकाल में भजन संध्या संपन्न हुआ। श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक उमेश भाई ओझा ने प्रहलाद चरित्र, वामन अवतार, गज-ग्राह का वर्णन किया। श्रीराम जन्म बधाई बड़ी ही भक्तिप्रद संपन्नता हुई। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि चौरासि लाख योनियों में भटकते हुए जीव को जब सत्संग की प्राप्ति हो जाये तो समझना चाहिए कि भगवान की कृपा हमारे ऊपर हो गयी है। राक्षस एवं नास्तिक में राक्षस का उद्धार हो जाता है, किन्तु नास्तिक का नहीं। राक्षस, दानव, असुर भगवान को मानते हैं और उनसे बैर करते हैं, किन्तु नास्तिक तो भगवान को मानते ही नहीं हैं।
भरत की कथा और जीव के मोह में पड़ने वाले सांसारिक बातों की व्याख्या सहज ढंग से किया। बाद में यह मृग योनि को प्राप्त किए, फिर ब्राह्मण के घर जन्म हुआ और नाम जड़भरत पड़ा। अज्ञानता में जो पाप होता है वह क्षम्य है लेकिन जानबूझकर किये गये पाप को भोगना ही पड़ता है। कोलभीलों का प्रेम श्रीराम को वश में कर लिया।
श्रीराम का अवतार जगत को एवं मानव जाति को शिक्षा देने के लिए होता है। प्रभु श्रीराम रूप में मर्यादा का मूल्य मानव जाति को समझाया। राम अवतार के बाद बधाई गायी गयी। भजन सध्या में उमेश जायसवाल, अशोक मिश्रा, रवि कुमार, कवि नंद विहारी ने अपनी प्रस्तुति दी। भक्ति भजनों को सुन श्रद्धालु झूमते रहे। कार्यक्रम में रविलाल, साध्वी विनीता, आचार्य नरहरि दास जी भक्तमाली, त्यागी जी, राम बिहारी, कुंदन जी, बचा जी, महादेव, अनिमेष, पिंटू, सतीश, रमन समेत ग्रामीण भक्त व भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।





