मंगराव में उर्मिला सेवा संस्थान का 22 वां वार्षिकोत्सव मनाया गया
शिक्षा से ही देश और समाज को बदला जा सकता है : सिद्धार्थ


न्यूज़ विज़न। बक्सर
राजपुर प्रखंड के मंगराव गांव स्थित सम्राट अशोक बुद्ध विहार सह शहीद भगत सिंह विद्यालय परिसर में उर्मिला सेवा संस्थान का 22 वां वार्षिक समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के आरंभ में शहीदे आजम भगत सिंह, रामास्वामी पेरियार, डॉ अब्दुल कलाम, बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शहीदों के सम्मान में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मकरध्वज सिंह विद्रोही ने किया। जबकि संचालन संजय सिंह नेे किया। मुख्य अतिथि बीडीओ सिद्धार्थ कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा से ही देश और समाज को बदला जा सकता है। अब पढ़ाई के साथ बच्चों को खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने की जरूरत है। किसी विषय वस्तु को पढ़ने के बजाय समझने की जरूरत है। थानाध्यक्ष निवास कुमार ने कहा की कोई भी काम कठिन नहीं है। मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। साइबर अपराध से बचने के लिए सलाह देते हुए कहा की किसी भी छात्रों के साथ अगर कोई परेशानी हो तो सीधा संपर्क करें। पुलिस हमेशा आपके लिए तैयार है। जिला परिषद सदस्य पूजा कुमारी ने कहा की शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह उतना ही दहाड़ेगा। ग्रामीण परिवेश में रहकर छात्रों को आगे बढ़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक ब्रजेश राय ने कहा की बुराइयों को समाप्त करने के लिए बच्चों को शिक्षा देना बहुत जरूरी है। अच्छी शिक्षा नहीं पाने के कारण बहुत से बच्चे अपने सही रास्ते भटक जाते हैं। इसलिए बच्चों को पढ़ाना बहुत जरूरी है। नेशनल कुश्ती खिलाड़ी पंचरतना कुमारी ने छात्राओ के हौसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। प्रतिभा खोज परीक्षा में छात्र संस्कार प्रजापति, सबिहा खातून, अनिष पाण्डेय, नौशाद अंसारी, आँचल कुमारी, अतुल पाण्डेय के अलावा अन्य छात्रों को सम्मानित किया गया। समाज में योगदान देने वाले शिक्षक धनंजय मिश्र, पर्यावरण प्रेमी राजनारायण सिंह को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद छात्र छात्राओं ने गीत की प्रस्तुति कर समाज में फैल रही कुप्रथा पर करारा प्रहार किया। इस दौरान छात्रा अंजली कुमारी, रागिनी कुमारी, अर्पिता कुमारी का बहुत ही अच्छा प्रदर्शन रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुराग सिंह, शिक्षक मंतोष कुमार, नौशाद अंसारी, चंद्रभान कुमार, कुसुम रानी के अलावा अन्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।





