56 प्रकार का भोग लगाकर व देशी केक काटकर मनाया गया भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की जयंती
विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए मोमेंट, पगड़ी और प्रमाण पत्र देकर किया गया सम्मान


न्यूज़ विज़न। बक्सर
डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ बक्सर डाब के तत्वाधान में गुरुवार को देर शाम स्थानीय रेडक्रॉस भवन के सभागार में भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर “भिखारी ठाकुर क्रांति -दर्शिता” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इससे पूर्व कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता प्रख्यात चिकित्सक सह साहित्यकार डॉ महेंद्र प्रसाद एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ अरुण मोहन भारवि द्वारा भिखारी ठाकुर के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद चित्र के समक्ष देसी व्यंजनों का भोग लगाकर और केक काटकर अपने महान कलाकार को याद किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन ‘डाब’ के अध्यक्ष व आयकर अधिवक्ता सह वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश संगम ने किया। और धन्यवाद ज्ञापन रेडक्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता के रुप में प्रख्यात साहित्यकार डॉ अरुण मोहन भारवि एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद, रेडक्रॉस के चेयरमैन सुरेश अग्रवाल, रेडक्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, लायंस क्लब आफ बक्सर गैंगेज के अध्यक्ष बृज किशोर सिंह, प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डाब के अध्यक्ष सुरेश संगम ने कहा कि यह संस्था के माध्यम से 32 वर्षो से कलाकारों की समस्याओं के समाधान, उत्थान व विकास हेतु वे निरन्तर प्रयासरत हैं। डाब सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भोजपुरी कलाकारों को सदैव बड़ा मंच प्रदान करता आ रहा है। इस क्रम में कलाकारों द्वारा भिखारी ठाकुर रचित कई गीतों को भी सुनाया गया। इस दौरान प्रख्यात भोजपुरी गायक व नायक गोपाल राय द्वारा गाए गए विरह भरी गीत ने सभी को भाव विभोर कर दिया।

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए संस्था के तरफ से सम्मानित भी किया गया। जिसमें पत्रकारिता, साहित्य एवं रंगकर्म के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए दैनिक हिन्दुस्तान के ब्यूरो प्रमुख मनोज सिंह, वरिष्ठ पत्रकार राम इकबाल ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार गिरधारी अग्रवाल, संगीत शिक्षिका रागिनी जायसवाल, रंगकर्मी प्रदीप जायसवाल, समाजसेवी ओमजी यादव को संस्था का मोमेंटो, प्रमाण पत्र और पगड़ी देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान वक्ताओं ने भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भिखारी ठाकुर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। वे एक लोक कलाकार के साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और अभिनेता थे। उनकी प्रतिभा को देखकर महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने उनको अनपढ़ हीरा कहा तो जगदीश चन्द्र माथुर ने उनको भरत मुनि की परंपरा का कलाकार कहा। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों जैसे विधवा विवाह, परदेशी जीवन आदि पर प्रहार किया। पुरुषों द्वारा महिलाओं का अभिनय “लौंडा नाच” से रंगमंच को एक नई दिशा दी, और लोकगीत व भजनों के माध्यम से भोजपुरी कला व संस्कृति को समृद्ध किया, जिससे वे लोक जागरण के अग्रदूत बने। सरल भाषा और लोकजीवन से जुड़ी होने के चलते उनकी रचनाएं आम जनता तक जल्द पहुंच जाती थी। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को आईना दिखाया और सामाजिक बदलाव की वकालत की। उनके संवाद, गीत और सामाजिक मुद्दों को शेक्सपियर की शैली के करीब लाने के कारण ही उन्हें शेक्सपियर की उपाधि मिली। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘बिदेसिया’, ‘गबरघिचोर’, ‘बेटी-बेचवा (बेटी-बियोग)’, ‘विधवा-विलाप’, ‘भाई-विरोध’, ‘ननद-भौजाई’, ‘गंगा स्नान’, ‘बहरा बहार’, ‘कलियुग-प्रेम’, ‘पुत्र वध’, ‘राधेश्याम-बहार’, ‘बिरहा-बहार’, ‘नक़ल भांड अ नेटुआ के’ और ‘हरिकीर्तन’ प्रमुख हैं।
संगोष्ठी में कार्यक्रम संयोजक भोजपुरी के प्रख्यात गायक व नायक गोपाल राय, ‘डाब’ के महासचिव हरिशंकर गुप्ता, रामस्वरूप अग्रवाल, बैकुंठनाथ शर्मा, साहित्यकार रामेश्वर प्रसाद वर्मा, भोजपुरी साहित्य मण्डल के सचिव बैरागी जी, रवि वर्मा, भोजपुरी गायक पंकज सिंह, अरविन्द कुमार, मंटू कुमार, महेश प्रसाद जायसवाल, राजेश केसरी, अभिषेक जायसवाल, मोनू जायसवाल, डा० जी कुमारी,अनीशा राय, तनीशा राय, शिवजी चौरसिया, संजय कुमार गुप्ता अजय वर्मा, गोलू अग्रवाल, अनिकेत राज समेत अन्य उपस्थित थे।





