रसेन हत्याकांड में अहियापुर गांव के सात लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी, दो को जेल
24 मई 2025 को हुए तिहरे हत्याकांड के केस को कमजोर करने की हुयी है साजिश, अजित ने मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री से सीबीआई जांच का किया मांग


न्यूज़ विज़न। बक्सर
राजपुर थाना क्षेत्र के रसेन गांव में सोमवार की शाम हुई हत्याकांड में जख्मी विजय शंकर चौबे के फर्द बयान पर पुलिस ने अहियापुर गांव के सात लोगों के खिलाफ नामजद प्रार्थमिकी दर्ज की गई है। जिसमें अजीत यादव, गुड्डू यादव दोनों पिता वीरेंद्र सिंह, सोनू यादव, मोनू यादव दोनों पिता शिव शंकर सिंह, श्री यादव अमित यादव एवं सिकंदर यादव के साथ कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें से सोनू यादव एवं उनके पिता श्री उर्फ शिव शंकर यादव को पुलिस ने जेल भेज दिया है। थानाध्यक्ष निवास कुमार ने बताया कि आरोपी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। अन्य लोगों के बारे में गहन जांच पड़ताल की जा रही है। घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची एसएफएल टीम ने सात एमएम पिस्टल के आठ खोखा एवं दो मिस कारतूस बरामद किया है। जिसकी गहन जांच की जा रही है। विदित हो कि सोमवार की शाम के वक्त टहलने गए थे। तभी इन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जिसमें रमाकांत पाठक की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। जिस घटना में घायल विजय शंकर चौबे का इलाज बक्सर सदर अस्पताल में चल रहा है। जिनके फर्द बयान पर पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है।
अहियापुर के पीड़ित परिजनों पर लगा आरोप
राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में बालू गिट्टी रखने के विवाद में विगत 24 मई 2025 को हुए दिल दहला देने वाली ट्रिपल हत्याकांड में अजीत के पिता वीरेंद्र सिंह, चाचा विनोद सिंह एवं सुनील सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। जिसमें उनके ही परिवार के दो अन्य लोग घायल हो गए थे। जिसमें एक व्यक्ति का इलाज के दौरान पैर काट दिया गया है। जबकि एक अन्य व्यक्ति भी गंभीर रूप से अभी भी अपाहिज की तरह जिंदगी जी रहे हैं। जिस मामले में अजीत ने 19 नामजद तीन अज्ञात के खिलाफ राजपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। जिसमें इस घटना के मुख्य आरोपी पूर्व जिला पार्षद अध्यक्ष सविता देवी के पति मनोज यादव एवं पूर्व जिप उपाध्यक्ष संतोष यादव एवं बटेश्वर यादव थे। इस घटनाक्रम के कुछ महीना बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों से डिमांड पर लेकर पूछताछ किया। लेकिन अभी आज तक उस घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद नहीं किया जा सका है। हालांकि पुलिस के दबिश के कारण कुछ लोग आत्मसमर्पण किया। इससे पूर्व पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुर्की जब्ती की कार्रवाई किया। जिसमें मुख्य आरोपियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।
अजीत ने सीबीआई जांच की उठाई मांग
इस घटना के बाद नाम आने के बाद अजीत ने एक वीडियो के माध्यम से बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले कई महीनों से इसे कैसे को मैनेज करने के लिए धमकी दी जा रही है। तिहरे हत्याकांड के बाद से परिवार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इन्होंने बताया कि आगामी 23 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट और गवाही की तारीख नजदीक आते ही धमकियां तेज हो गई है। हालांकि इसके सुरक्षा के लिए सरकारी सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की गई है। बावजूद इस घटना के बाद इसका नाम आना चर्चा बन गया है। इसने बताया कि हमें कहा गया कि केश वापस लो तो दो करोड़ रुपए और 10 बीघा जमीन देंगे। मना करने पर 5 करोड़ और 15 बीघा का लालच दिया। हमने साफ मना कर दिया। इसके बाद साजिश के तहत इन लोगों ने सुनियोजित तरीके से प्लान बनाकर इस घटना को अंजाम दिया। जबकि इस घटना के पहले एवं बाद से लेकर सरकारी गार्ड हमेशा इनके साथ रहा है। लेकिन पुलिस बगैर कोई सूचना दिए ही उनके भाई सोनू को घर से लेकर चली गई। यह केस को कमजोर करने की चाल है। जिस मामले में अजीत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मांग किया कि सीबीआई जांच हो। डीजीपी विजय कुमार से केश को एसटीएफ के हवाले करें। एसपी शुभम आर्य डीआईजी एवं अन्य अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग कर परिवार की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है। सात महीने बाद जब केश की सुनवाई होने वाली है तो इस हत्याकांड को देखकर एक नई साजिश रची जा रही है।
क्षेत्र में भय व दहशत का माहौल
इस घटना के बाद गांव सहित आसपास के गांव में भी भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने दबे जुबान से बताया कि यह ऐसा पेचीदा मामला है। जिसकी गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। लोगों को इंतजार है कि आखिर कब अहियापुर पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और शांति कायम होगा। इसके लिए पुलिस भले ही वहां पर परिवार के लिए सुरक्षा व्यवस्था दी है। लेकिन अभी भी परिवार भय एवं डर के साए में जी रहा है।





