सीता स्वयंवर की कथा सुन भक्तों ने लगाए श्रीराम के जयघोष
लाल बाबा आश्रम में चल रहे श्री राम कथा का श्रवण करने के लिए जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़


न्यूज विजन। बक्सर
लाल बाबा आश्रम सती घाट बक्सर में पूज्य लाल बाबा सरकार के 19वें निर्वाण दिवस पर आयोजित नव दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे दिन पूज्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री बैकुंठनाथ जी महाराज पीठाधीश्वर मायामधुसूदनधाम, हरिद्वार ने सीता स्वयंवर प्रसंग का वर्णन किया।
गुरु महर्षि विश्वामित्र के साथ प्रभु श्रीराम और अनुज लक्ष्मण जी का आगमन जनकपुर में होता है। वहां सीता स्वयंवर चल रहा था। इस स्वयंवर में विभिन्न राज्यों के बली राजा भाग लेने के लिए पहुंचे हुए थे। स्वयंवर में शर्त रखा गया था कि जो भी शिव धनुष का खंडन कर देगा उसी के साथ सीता जी का विवाह होगा। विभिन्न राजा-महाराजाओं ने शिव धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन सभी विफल रहे। इससे सभा में निराशा छा गई। अपनी बेटी की शादी को लेकर राजा जनक जी के चेहरे पर परेशानी दिख रही थी। राजा जनक ने कहा कि पृथ्वी वीरों से खाली प्रतीत होती है।
राजा जनक जी के इन वचनों को सुनकर लक्ष्मण जी क्रोधित हो उठे, जिस पर श्रीराम ने उन्हें शांत रहने का संकेत दिया। गुरु विश्वामित्र के आदेश पर प्रभु श्रीराम ने शिव धनुष को एक हाथ से उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे तोड़ दिया। धनुष टूटने के साथ ही पूरा पंडाल जय श्रीराम के नार सेे गूंज उठा। धनुष भंग होने के साथ ही प्रभु श्रीराम और जनकनंदिनी सीता का विवाह निश्चित हो गया।
धनुष टूटने की आवाज सुनकर क्रोधित परशुराम वहां पहुंचे। उनका लक्ष्मण के साथ तीखा संवाद हुआ, जिसमें दोनों का क्रोध स्पष्ट दिखा। प्रभु श्रीराम ने अनुज लक्ष्मण को समझाते हुए शांत कराएं। श्रीराम ने विनम्रतापूर्वक परशुराम के क्रोध को शांत किया। मौके पर युवा जदयू के प्रदेश महासचिव आजाद सिंह राठौर, नीरज सिंह, झूना पांडेय, पुना बाबा, रणधीर श्रीवास्तव, दुर्गेश पांडेय, प्रह्लादजी, मनोज वर्मा, अंजय दुबे, संतोष गुप्ता, बबलू तिवारी, वीर राय, बिनोद जायसवाल, संतोष शर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, ललन मिश्रा समेत सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा का श्रवण





