फार्मर रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य पात्र किसानों को विभिन्न सरकारी कृषि एवं कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है: डीएम
जिलाधिकारी श्री विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में फार्म रजिस्ट्रेशन के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया


न्यूज विजन। बक्सर
जिलाधिकारी श्री विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में फार्म रजिस्ट्रेशन के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी सहित कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारी तथा क्षेत्रीय कर्मी सम्मिलित हुए। जिलाधिकारी ने बताया कि फार्म रजिस्ट्री राज्य सरकार की प्राथमिकता प्राप्त योजना है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक किसान को सरकारी योजनाओं से जोड़ना, कृषि सेवाओं को आधुनिक एवं पारदर्शी बनाना और हर किसान की एक डिजिटल पहचान तैयार करना है। फार्मर आईडी में किसान की भूमि से संबंधित विवरण, आधार जानकारी एवं अन्य आवश्यक डाटा दर्ज रहेगा, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में सुगमता होगी।
फार्मर रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य पात्र किसानों को विभिन्न सरकारी कृषि एवं कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है।
राज्य स्तर पर किसानों का अद्यतन एवं सटीक डाटाबेस तैयार करना, फसल क्षति या आपदा की स्थिति में वास्तविक मुआवज़ा देने की प्रक्रिया को सरल बनाना, कृषि उत्पादों के विपणन (मार्केटिंग) में पारदर्शिता एवं सुविधा बढ़ाना है । पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं की किस्तों के भुगतान में सरलता सुनिश्चित करना है। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, भूमि संबंधी कागजात (खाता, खेसरा आदि) सक्रिय मोबाइल नंबर आवश्यक दस्तावेज हैं। अधिकारियों को बताया गया कि इन दस्तावेजों के बिना Farmer ID तैयार नहीं की जा सकेगी और पंजीकरण न होने पर किसान भविष्य की कई योजनाओं से वंचित हो सकते हैं।
पंजीकरण की प्रक्रिया के तहत स्टेप–बाय–स्टेप प्रक्रिया समझाई गई। किसान अपने क्षेत्र के नामित कृषि/राजस्व कर्मी से संपर्क करेंगे। सबसे पहले किसान का e-KYC आधार के माध्यम से किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी किसान के भूमि अभिलेखों का सत्यापन करेंगे। सत्यापन पूर्ण होने पर पोर्टल पर आवश्यक प्रविष्टियाँ की जाएँगी तथा e-Sign के माध्यम से Farmer ID जनरेट की जाएगी।
फार्मर रजिस्ट्री के प्रमुख लाभ हैं। सभी सरकारी योजनाओं का लाभ बिना अतिरिक्त कागज़ी औपचारिकता के, सीधे Farmer ID के आधार पर मिलेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य अथवा अन्य योजनाओं के तहत कृषि उपज की बिक्री में सुविधा और प्राकृतिक आपदा/बाढ़/ओलावृष्टि आदि से फसल क्षति पर समय पर और वास्तविक मुआवज़े की व्यवस्था आसान हो जाएगी। प्रत्येक किसान की एक अद्वितीय डिजिटल पहचान, जिससे विभिन्न विभागों के बीच समन्वय आसान होगा। PM–Kisan सम्मान निधि की आगामी किस्तों और अन्य किसान–केंद्रित योजनाओं में स्वतः लाभ ले पाने की सुविधा उपलब्ध होगी।
जिलाधिकारी डॉ विद्यानंद सिंह ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक किसानों का समयबद्ध पंजीकरण किया जाए। कृषि एवं राजस्व विभाग के फील्ड कर्मी गांव–गांव जाकर किसानों को जागरूक करें कि Farmer Registry बनवाना अनिवार्य है। इस कार्य को उच्च प्राथमिकता देते हुए निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य की शत–प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करें।





