ACCIDENT

आरा-बक्सर फोरलेन पर रफ्तार बनी काल, भीषण सड़क हादसे में 60 वर्षीय राजकुमार चौबे की मौत

दलसागर के आसपास सर्विस रोड के अभाव पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, प्रशासन से सुरक्षित यातायात की मांग

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
आरा-बक्सर फोरलेन पर बढ़ती रफ्तार के साथ सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार शाम औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर गांव के समीप हुए एक दर्दनाक हादसे ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में स्थानीय निवासी राजकुमार चौबे उर्फ राजू चौबे (60 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई।

 

जानकारी के अनुसार, राजकुमार चौबे स्कूटी से किसी कार्य से दलसागर के पास फोरलेन किनारे पहुंचे थे। उसी दौरान तेज रफ्तार से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी भयावह थी कि स्कूटी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गई और राजकुमार चौबे गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर पड़े। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल उन्हें सदर अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 

सेवानिवृत्ति के बाद गांव लौटकर कर रहे थे नया शुरुआत

ग्रामीणों ने बताया कि मृतक राजकुमार चौबे गुजरात में नौकरी करते थे और कुछ समय पहले ही वे रिटायर होकर गांव लौटे थे। गांव के पास हरिकिशुनपुर मोड़ के पास उनका नया शोरूम निर्माणाधीन था। रविवार को वे शोरूम के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए ही घर से निकले थे, परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था और रास्ते में यह दर्दनाक हादसा हो गया। स्थानीय युवा शुभम चौबे ने बताया कि क्षेत्र में सर्विस रोड नहीं होने के कारण लोग सीधे मुख्य फोरलेन पर ही चलते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि दलसागर से हरिकिशुनपुर मोड़ तक सर्विस रोड का अभाव सबसे बड़ी समस्या है। लोग मजबूरी में फोरलेन पर चलते हैं और तेज रफ्तार वाहन स्थानीय राहगीरों की जान ले रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सर्विस रोड के निर्माण की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस ने शुरू की जांच, फरार वाहन की तलाश

औद्योगिक थाना पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अज्ञात वाहन की पहचान और चालक की तलाश में जुटी हुई है। आसपास लगे कैमरों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। लगातार हो रहे हादसों के कारण फोरलेन किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सर्विस रोड नहीं बनेगी और स्पीड कंट्रोल के ठोस उपाय नहीं होंगे, तब तक ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।

 

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