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बक्सर फैमिली कोर्ट ने डुमरांव थानाध्यक्ष के वेतन पर लगाई रोक

बार–बार दिए गए निर्देशों के पालन न होने और मेंटेनेंस राशि वसूली में लापरवाही के मद्देनज़र न्यायाधीश ने जारी किया आदेश 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
बक्सर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मेंटेनेंस केस संख्या 8/2011 की सुनवाई के दौरान डुमरांव थानाध्यक्ष के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह कदम अदालत द्वारा बार–बार दिए गए निर्देशों के पालन न होने और मेंटेनेंस राशि वसूली में लापरवाही के मद्देनज़र उठाया गया है।

 

क्या है मामला?

डुमरांव के ठठेरी बाज़ार निवासी गुलामुद्दीन के विरुद्ध भरण–पोषण का मामला वर्ष 2011 में दर्ज किया गया था। पीड़िता ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जिसके आधार पर अदालत ने ₹450 प्रति माह की दर से भरण–पोषण (मेंटेनेंस) राशि देने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के बावजूद गुलामुद्दीन कई वर्षों तक कोर्ट में राशि जमा कराने से बचता रहा। वह लगातार चकमा देकर फरार चल रहा है। डुमरांव थानाध्यक्ष ने इससे पहले अदालत में एक आवेदन देकर बताया था कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उसके पते पर पहुंचने पर दूसरी पत्नी और बच्चे ही मिलते हैं, अभियुक्त गायब रहता है। उसके घर की कुर्की–जप्ती की कार्रवाई भी की जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक उसकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो पाई है। इसके बाद भी स्थिति में कोई प्रगति नहीं होने पर अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर कड़ा असंतोष जताया।

 

पीड़िता की दोबारा गुहार पर सख्त हुआ कोर्ट

पीड़िता ने हाल में फिर से आवेदन देकर न्यायालय से मदद की गुहार लगाई। इस पर अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष को मेंटेनेंस आदेश की अनुपालन न कराने का जिम्मेदार माना। प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार ने आदेश दिया कि डुमरांव थानाध्यक्ष के वेतन भुगतान पर तत्काल रोक लगाई जाए। पुलिस अधीक्षक को आदेश की प्रति भेजकर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। अदालत का यह फैसला स्पष्ट संदेश देता है कि मेंटेनेंस मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और पुलिस को समय-bound तरीके से कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करना होगा।

 

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