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कम लागत में अच्छी आमदनी प्राप्त करने का बेहतर विकल्प है मशरूम उत्पादन

मशरूम उत्पादन विषय पर केविके में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारंभ

न्यूज विजन। बक्सर
कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से अनुसूचित जाति उपयोजना अन्तर्गत मशरूम उत्पादन द्वारा आय सृजन विषय पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार को हुआ। ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन तकनीकी की जानकारी एवं कौशल उन्नयन के माध्यम से उद्यमिता के बारे में जानकारी दी गई।

 

कार्यक्रम का उद्घाटन किरण भारती, सहायक निदेशक उद्यान तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर के विशेषज्ञ व मुख्य प्रशिक्षक रामकेवल ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया गया। रामकेवल ने भोजन में मशरूम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कम लागत पर अच्छी आमदनी प्राप्त करने का एक बेहतर विकल्प बताया। उन्होने बताया कि नवीन मशरूम की खेती मे अवांछित पुआल का उपयोग होने से पराली जलने एवं इससे पर्यावरण को होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने मे सहयोग प्राप्त होता हैं।

उन्होंने कहा कि पैडीस्ट्रॉ मशरूम की खेती में समय भी कम लगता है तथा स्वाद भी भिन्न होता है । मशरूम एक प्रकार का कवक है, जिसे हिन्दी में खुम्बी या छत्रक भी कहते हैं। यह प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और खनिजों का एक पौष्टिक स्रोत है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कई बीमारियों से बचाता है। मुख्य अतिथि किरण भारती ने भोजन में मशरूम की उपयोगिता पर बल देते हुए प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करने की बात कही। साथ ही जिला उद्यान कार्यालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

कार्यक्रम में गैर सरकारी संस्थान सेवाधाम, बक्सर से उपस्थित मनोज कुमार एवं उमेश कुमार ने अपने अनुभव साझा किएं। प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में पहले दिन जिले में मशरूम की खेती के अवसर एवं विविध मशरूम के प्रकार के बारे मे प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फूलन देवी, तेतरी देवी, सुनीता देवी, रीता देवी, जनकिया देवी, चिंता देवी समेत कुल 20 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया।

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