जिले के विद्यालयों में “इंटेंसिफाइड कैंपेन 2025” के तहत एड्स जागरूकता कार्यक्रम का हुआ सफल आयोजन
बच्चों के बीच क्विज़ एवं समूह प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन



न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के विभिन्न विद्यालयों में “इंटेंसिफाइड कैंपेन 2025” के तहत एड्स जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस श्रृंखला में प्रमुख कार्यक्रम आदर्श शिशु मध्य विद्यालय, बक्सर में आयोजित हुआ। इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना था।








कार्यक्रम में Red Ribbon Club के जिला नोडल पदाधिकारी एवं महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय बक्सर के सहायक प्राध्यापक डॉ. रास बिहारी शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सुंदरम, सोनू कुमार, अजय कुमार एवं पीयर एजुकेटर की सक्रिय भूमिका रही। इस अवसर पर जिले के अन्य विद्यालयों में भी इसी तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में लगभग 300 विद्यार्थियों ने भाग लिया। बच्चों के बीच क्विज़ एवं समूह प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिससे वे विषय को और गहराई से समझ सकें। डॉ. रास बिहारी शर्मा ने विद्यार्थियों को एड्स जैसी संक्रामक बीमारी के लक्षण, इसके फैलने के कारण, बचाव के उपाय एवं इससे जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।




प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को 6-6 पुस्तकों का सेट उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। इसके अलावा सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों का ताली बजाकर स्वागत किया गया और उन्हें कलम भेंट कर प्रोत्साहित किया गया। इस मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सक्रिय रूप से सहयोग दिया। विजेता और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों में प्रमुख नाम हैं रुकैया खातून, पूजा कुमारी, रुखसार, सदिया, काजल, तृप्ति वर्मा, अनुप्रिया कुमारी, सहाना खातून, सलोनी कुमारी, आशिया परवीन, अजीत कुमार, सनी वर्मा, तेजस्वी कुमार, आयुष कुमार, आर्यन कुमार, दीपू कुमार, ज्योति प्रकाश, कुमार फलक, पीयूष कुमार, राजा कुमार, आदित्य शर्मा और आदर्श कुमार आदि।
डॉ. शर्मा ने कहा कि इस तरह के अभियानों के माध्यम से हम युवाओं में जागरूकता की नई लहर पैदा कर सकते हैं। ज्ञान ही किसी भी बीमारी के प्रति सबसे बड़ा हथियार है। कार्यक्रम का समापन उत्साह और सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि समाज में एड्स के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता की एक नई दिशा दी जाएगी।

