करंट लगने से किसान की मौत, गांव में छाया मातम, ग्रामीणों ने बिजली विभाग को ठहराया जिम्मेदार



न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के सदर प्रखंड के कमरपुर गांव में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें करंट लगने से 40 वर्षीय किसान योगेंद्र यादव की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और परिजनों में कोहराम मच गया।








प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह योगेंद्र यादव अपने पशुओं के लिए चारा लेने खेत की ओर गए थे। इसी दौरान रास्ते में लटक रहे टूटे बिजली के तार की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गए। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने जब उन्हें गिरा हुआ देखा तो तुरंत पास जाकर बिजली का कनेक्शन बंद कराया और आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल बक्सर पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में मातम छा गया और ग्रामीणों की भीड़ अस्पताल तथा मृतक के घर उमड़ पड़ी।




घटना की जानकारी मिलते ही जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव अस्पताल पहुंचे और शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि योगेंद्र यादव की असमय मौत परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रशासन को चाहिए कि पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए। वहीं चौसा नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि मनोज यादव भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस घटना की गंभीरता को देखते हुए बिजली विभाग की लापरवाही की जांच करनी चाहिए और दोषी कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि गांव के कई इलाकों में बिजली के तार वर्षों से टूटे और झूलते हुए हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते विभाग ने मरम्मत कर दी होती, तो आज यह दर्दनाक हादसा नहीं होता। गांव के लोगों ने तत्काल कार्रवाई कर सभी जर्जर तारों को बदलने और गांव में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है।
मृतक योगेंद्र यादव के परिवार में उनकी पत्नी, दो छोटे बच्चे और वृद्ध माता-पिता हैं। परिवार के सामने अब आर्थिक संकट का भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सरकारी सहायता जल्द उपलब्ध कराए। यह हादसा एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही और ग्रामीण इलाकों में जर्जर तारों के खतरे को उजागर करता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो कभी भी ऐसी घटना दोबारा हो सकती है।

