मध्यस्थता से सुलझे 50 मामले, सचिव नेहा दयाल ने लोगों से की राष्ट्रीय लोक अदालत में हिस्सा लेने की अपील




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नेहा दयाल ने कहा कि मध्यस्थता (Mediation) विवाद निपटारे का एक प्रभावी, गोपनीय और स्वैच्छिक तरीका है, जिसमें समय और लागत दोनों की बचत होती है। यह प्रक्रिया न केवल न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम करती है, बल्कि पक्षों के आपसी संबंधों को भी बनाए रखने में सहायक होती है।









उन्होंने बताया कि मध्यस्थता में किसी भी प्रकार का निर्णय थोपने के बजाय, एक निष्पक्ष मध्यस्थ पक्षों के बीच बातचीत और सहयोग को प्रोत्साहित करता है ताकि दोनों पक्ष एक स्वीकार्य और स्थायी समाधान तक पहुँच सकें। इसी क्रम में लोक अदालत में अब तक 50 मामलों का निपटारा मध्यस्थता के माध्यम से किया जा चुका है, जिससे संबंधित पक्षों को शीघ्र न्याय मिल पाया। सचिव नेहा दयाल ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि वर्षों तक मामले अदालतों में लंबित रहते हैं, जिससे न केवल समय और पैसे की बर्बादी होती है बल्कि पक्षों के बीच रिश्तों में भी खटास आ जाती है। जबकि मध्यस्थता प्रक्रिया में दोनों पक्षों को समान अवसर मिलता है और आपसी सहमति से विवाद का हल खोजा जाता है।






उन्होंने लोगों से अपील की कि 13 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपने लंबित मामलों का समाधान मध्यस्थता की प्रक्रिया के माध्यम से कराएं। यह न केवल उनके लिए फायदेमंद होगा बल्कि न्यायालयों का बोझ भी कम करेगा।

