OTHERS

चर्चित शिक्षक हत्याकांड में छह दोषियों को आजीवन कारावास

इटाढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत भीखमपुर गांव में वर्ष 2019 में हुए चर्चित शिक्षक सत्येंद्र सिंह की हत्या 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिले के इटाढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत भीखमपुर गांव में वर्ष 2019 में हुए चर्चित शिक्षक सत्येंद्र सिंह हत्याकांड मामले में शनिवार को प्रधान जिला अपर सत्र न्यायाधीश-IV अनुपम कुमारी की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी छह अभियुक्तों को दोषी करार दिया। अदालत ने कठोर टिप्पणी करते हुए इसे सुनियोजित हत्या करार दिया और सभी दोषियों को उम्रकैद के साथ-साथ आर्थिक दंड भी सुनाया।

 

अपर लोक अभियोजक राजेंद्र प्रसाद व कृपा राय ने बताया कि 19 जुलाई 2019 का है। भीखमपुर गांव निवासी विजय नारायण सिंह के पुत्र सत्येंद्र सिंह, जो कि पेशे से शिक्षक थे, रोज की तरह सुबह दूध लेने निकले थे। जैसे ही वे गांव के पीपल के पेड़ के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए बैठे राधेश्याम गिरी, शिवदानी गिरी, जय प्रकाश सिंह और बनारसी गिरी ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। इस बीच मोटरसाइकिल पर सवार होकर प्रिंस गिरी और गुंजन गिरी भी वहां आ पहुंचे और सिर में गोली मारकर सत्येंद्र सिंह की मौके पर ही हत्या कर दी। इस निर्मम घटना से गांव में सनसनी फैल गई थी। घटना के बाद मृतक के पिता विजय नारायण सिंह ने छह लोगों जयप्रकाश सिंह, राधेश्याम गिरी, शिवदानी गिरी, गुंजन गिरी, प्रिंस गिरी और बनारसी गिरी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके द्वारा की गई जमीन की खरीद को लेकर ही साजिशन यह हत्या की गई है।

 

अपर लोक अभियोजक राजेंद्र प्रसाद व कृपा राय के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष ने अदालत में सशक्त पैरवी की। उन्होंने इस मामले में कुल 10 गवाहों की गवाही प्रस्तुत की, जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों से लेकर फॉरेंसिक व मेडिकल रिपोर्ट भी शामिल थीं। कोर्ट ने गवाहों के बयानों और पुलिस जांच में प्राप्त सबूतों को गंभीरता से लिया। और उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषियों के खिलाफ सजा सुनाया। जिसमे राधेश्याम गिरी, शिवदानी गिरी, जयप्रकाश सिंह एवं बनारसी गिरी को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या) के तहत: आजीवन कारावास एवं 50–50 हजार रुपये जुर्माना धारा 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना) के तहत 2 वर्ष का कारावास एवं 5–5 हजार रुपये जुर्माना, प्रिंस गिरी एवं गुंजन गिरी (मुख्य शूटर) के खिलाफ धारा 302 के तहत: आजीवन कारावास, धारा 148 के तहत: 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10–10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाया है।

 

यह फैसला न्यायपालिका की दृढ़ता और कानून के शासन की स्पष्ट मिसाल है। लंबे समय से पीड़ित परिवार न्याय की आस में था, जिसे अंततः आज राहत मिली। कोर्ट के इस निर्णय से समाज में यह संदेश गया है कि अपराध कर कानून से बचा नहीं जा सकता, चाहे अपराध कितना भी सुनियोजित क्यों न हो। अभियोजन पक्ष ने इस फैसले को न्याय की जीत करार दिया है, वहीं मृतक के परिवार ने कोर्ट के इस निर्णय पर संतोष जताया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button