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राजकीय श्री त्रिदंडी देव आवासीय संस्कृतोच्च विद्यालय में सम्मान समारोह आयोजित, शिक्षकों को किया गया सम्मानित

न्यूज़ विज़न | बक्सर

शहर के चरित्रवन स्थित राजकीय श्री त्रिदंडी देव आवासीय संस्कृतोच्च विद्यालय परिसर में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह समारोह संस्कृत भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पित शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें जिले भर से अनेक संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविशंकर पांडेय ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी कृष्णानंद शास्त्री पौराणिक जी ने निभाई। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बिहार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) जीवन कुमार के प्रतिनिधि शेषनाथ दुबे उपस्थित रहे, जिन्होंने संस्कृत शिक्षा और शिक्षकों के सम्मान को प्राथमिकता देने की बात कही।

 

एमएलसी प्रतिनिधि ने दिया आश्वासन

अपने संबोधन में श्री दुबे ने कहा कि जिले के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों में जो भी संसाधन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें विद्यालय प्रशासन हम तक पहुंचाएं। हम एमएलसी निधि के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर उन समस्याओं के समाधान के लिए कार्य जरूर कराएंगे। संस्कृत की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाना हम सबका दायित्व है। अवसर पर संस्कृत शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को अंग वस्त्र, फूल माला और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

 

सम्मानित होने वालों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित शिक्षक शामिल थे:

ब्रह्मानंद पंडित – एस एस वी के कोइरपुरवा
श्रीनिवास उपाध्याय – शिवप्रसाद संस्कृत उच्च विद्यालय, रामपुर
रवि रंजन तिवारी – बांके बिहारी संस्कृत उच्च विद्यालय, नेनुआ
कमला पांडे – एसएसवीके कोइरपुरवा
रमाशंकर तिवारी – बांके बिहारी संस्कृत उच्च विद्यालय, नेनुआ
विनोद तिवारी – संस्कृत उच्च विद्यालय, नेनुआ
विजय शंकर राय – रामचंद्र उच्च विद्यालय, सेमरी
परशुराम उपाध्याय – शिव शंकर संस्कृत उच्च विद्यालय, रामपुर
जगदीश मिश्रा – रामपुर
भुवनेश्वर सिंह – प्राथमिक विद्यालय, अकोला डेरा
निर्मल कुमार सिंह – अकरोरा डेरा
वीरेंद्र कुमार दुबे – संस्कृत उच्च विद्यालय, खंडरीचा
राकेश राय – ब्रह्मेश्वर नाथ संस्कृत विद्यालय, ब्रह्मपुर
श्रीभगवान प्रसाद, श्याम जी राय – स्वामी सहजानंद संस्कृत उच्च विद्यालय, चरित्रवन
श्री भगवान चतुर्वेदी – संस्कृत सेवा में सक्रिय

समारोह का उद्देश्य

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन में लगे शिक्षकों को प्रोत्साहित करना और उनके शैक्षिक योगदान को समाज के समक्ष लाना था। विद्यालय प्रबंधन और अतिथियों ने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा है, जिसे जीवित रखने में शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम है। समारोह में स्थानीय नागरिक, शिक्षकगण, विद्यालय के छात्र तथा अभिभावक भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने इस आयोजन की सराहना की और संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान में ऐसे आयोजनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

 

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