CRIME

चोरी का माल खपाने वाले सर्राफा गिरोह का पर्दाफाश, बक्सर-डुमरांव के तीन नामी व्यवसायी गिरफ्तार

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
नया भोजपुर पुलिस ने रविवार को एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए चोरी के आभूषणों का गोरखधंधा करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस गिरोह में शामिल तीन बड़े सर्राफा व्यवसायियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में बक्सर के दो सगे भाई और डुमरांव का एक प्रतिष्ठित सर्राफा कारोबारी शामिल हैं।

 

नया भोजपुर पुलिस के अनुसार ये कारोबारी डुमरांव में रहकर चोरों से चोरी का सोना खरीदते थे और उसे गलाकर नए आभूषण बनाकर लाखों की कमाई कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बक्सर के मुरारी वर्मा और सागर वर्मा के साथ डुमरांव निवासी गोविंद वर्मा उर्फ सिप्पी का नाम शामिल है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने इनके पास से चोरी का चार ग्राम सोना और आभूषण गलाने की मशीन भी जब्त की है। नया भोजपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि इन कारोबारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा लेने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

 

भारतीय सेना के जवान के बैग से उड़ाए गए थे लाखों के गहने

इस पूरी कहानी की शुरुआत 8 जून को हुई, जब चक्की के विश्वेश्वर डेरा निवासी और भारतीय थल सेना के जवान कमलेश कुमार यादव डुमरांव जा रहे थे। नया भोजपुर पहुंचने पर उन्हें शक हुआ कि उनके बैग से पत्नी के गहने गायब हो गए हैं। बैग की तलाशी लेने पर उनका शक सच निकला। बैग से उनकी पत्नी के करीब छह लाख रुपये मूल्य के सोने के मंगलसूत्र, झूमका, टॉप, चेन और अंगूठी गायब थे। इस वारदात की शिकायत उन्होंने नया भोजपुर थाने में दर्ज कराई। मामला बेहद संगीन और हाई-प्रोफाइल होने के कारण एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के निर्देश पर डुमरांव के सर्किल इंस्पेक्टर श्रीनाथ की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया गया।

वैज्ञानिक जांच और कॉल डिटेल से खुला गिरोह का राज

एसआईटी की टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले और ऑटो चालक राकेश कुमार उर्फ केवट को चिन्हित कर दबोच लिया। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगालने पर पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली कि चोरी के गहनों का धंधा इलाके के बड़े सर्राफा व्यवसायियों की मिलीभगत से चल रहा था। वैज्ञानिक पद्धति से जांच के बाद पुलिस ने बक्सर के मुरारी वर्मा और सागर वर्मा के साथ डुमरांव के गोविंद वर्मा उर्फ सिप्पी की भूमिका उजागर कर दी। पूछताछ में सामने आया कि ये सभी मिलकर चोरों और ऑटो चालक के साथ एक संगठित गिरोह चला रहे थे।

थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि तीनों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं और उन्हें जेल भेज दिया गया है। चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने और ऐसे संगठित गिरोहों को नेस्तनाबूद करने के लिए पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा।

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