9 जुलाई को देश के 10 श्रम संगठनों का राष्ट्रव्यापी हड़ताल
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जायेगा धरना प्रदर्शन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
9 जुलाई 2025 को भारत के 10 श्रम संगठन स्वतंत्र फेडरेशन, सार्वजनिक प्रतिष्ठान विभिन्न संगठित एवं असंगठित मजदूर सहित सभी स्कीम वर्कर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ इस हड़ताल में शामिल होकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित करेगा।






राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियाद रूप में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने के कारण संस्थागत प्रसव जन्म मृत्यु दर, मातृ शिशु मृत्यु दर, टीकाकरण कार्य में काफी प्रगति हुई है कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए कार्य की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन, पटना उच्च न्यायालय, बिहार सरकार, भारत सरकार तथा मानवाधिकार आयोग ने प्रशंसा किया है। बावजूद इसके उसके साथ विगत हड़ताल में किए गए समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है। चार-चार माह से प्रोत्साहन राशि बकाया है अपनी 14 सूत्री मांगों को उस दिन कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति को प्रेषित करेगी जिसमें पूर्व के समझौते को लागू करने श्रम सम्मेलनों एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुशंसा के आलोक में आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवा घोषित किया जाए। जब तक सरकारी सेवक घोषित नहीं किया जाता है तब तक न्यूनतम वैधानिक मजदूरी 26000 रुपया दिया जाए।

कोरोना कल के ड्यूटी के लिए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को ₹10000 कोरोना भत्ता का भुगतान किया जाए। आशा फैसिलिटेटर को 21 दिन के जगह पूरे माह का भ्रमण भत्ता ₹500 की दर से भुगतान किया जाए। जनवरी 19 में समझौते के अनुरूप मुकदमे की वापसी एवं अन्य समझौते को शीघ्र लागू किया जाए। आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के राज्य उपाध्यक्ष सह जिला संयोजक अरुण कुमार ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी एवं सभी आशा एवं आशा फैसिलिटेटर से आह्वान किया की 9 जुलाई को अपने-अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रदर्शन के माध्यम से मांग पत्र समर्पित किया जाए।

