RELIGION

अवतार का मुख्य उद्देश्य भगवान का भक्तों पर कृपा वृष्टि है : आचार्य धर्मेन्द्र 

गुरूपुर्णिमा के अवसर पर शहर के सती घाट स्थित महंथ सुरेन्द्र लालबाबा आश्रम मे आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के द्वितीय दिवस 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

विश्व के प्रसिद्ध मनिषी संत श्री त्रिदण्डी  स्वामी जी महाराज के समर्थ शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपापात्र ब्रह्मपुर पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज (पूर्व कुलपति) ने गुरूपुर्णिमा के अवसर पर शहर के सती घाट पर महंथ सुरेन्द्र लालबाबा आश्रम मे आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान के 24अवतारों की कथा कहते हुए कहा कि भगवान के अवतार के अनेक कारण बताए जाते है जैसे अनाचार, अत्याचार, पापाचार, धर्म की हानि आदि। पर मुख्य हेतु भक्तों पर भगवान की कृपा की वृष्टि करना ही है।

 

आचार्य जी ने कहा, राक्षसों, अन्यायियों, अत्याचारियों को तो अपने संकल्प  से ही मार सकते, मगर सेबरी का बैर खाना, विदुरानी का साग खाना, भक्तों के घर जा जाकर दर्शन आदि के लिए निराकार ब्रह्म नराकार रुप  में अवतरित होते है। … रामावतार की चर्चा करते हुऐ आचार्य जी ने कहा रसिक भक्त कहते हैं कि किसी अवतार में भगवान के माथे सेहरा नहीं बंधा, न मउर चढ़ा, अतः विवाह ही मुख्य हेतु रहा.। …कृष्णा अवतार की चर्चा करते हुए आचार्य जी ने कहा श्रीकृष्णा  के अवतार का हेतु भी अनेक है पर मुख्य हेतु त्रेतायुग में मिथलानियों और  ऋषियों को दिया गया वचन, ऋषि कृषि हेतु गौपालन, पर्यावरण की सुरक्षा, विविध प्रदूषणों से निजात पाने का संदेश देना भी है।

 

दातात्रेय चरित्र को कहते हुए अनुसूया माता के पातिव्रत्य धर्म पर भी कारूणिक व्याख्यान देते हुए विदुर जी के धराधाम पर आने और विभांडक ऋषि का भी चरित्र चित्रण करते हुए क्रियामाण, संचित व प्रारब्ध कर्म की व्यावहारिक अर्थ किया।..कथा  सुनते हुए भक्त विह्वल होजाते, कथामृत का पान करते अघाते नहीं। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने हेतु बलिया प्रक्षेत्र के स्त्री पुरुष भी पधार रहे हैं। प्रबंध व्यवस्था में यज्ञ समिति को स्थानीय भक्त भक्ति भाव से सक्रिय सहयोग कर रहे है। मौसम भी अनुकूल  बनता जा रहा है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button