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पति की हत्या के बाद से पुश्तैनी जमीन विवाद को लेकर दहशत में जी रही मुन्नी देवी

पुश्तैनी जमीन विवाद में कार्रवाई न होने से नाराज़, डीएम-एसपी से लगाई न्याय की गुहार, इटाढ़ी थाना क्षेत्र के पीथनी गांव की महिला की पीड़ा मीडिया के माध्यम से हुआ उजागर

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

जिले के इटाढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत पीथनी गांव निवासी मुन्नी देवी अपने पुश्तैनी एवं कबालाकृत जमीन को लेकर वर्षों से चल रहे विवाद और प्रशासनिक निष्क्रियता से परेशान होकर अब न्याय की आस में मीडिया के समक्ष सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व. भरत भूषण मिश्रा की खेत विवाद में वर्ष 1994 में निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस वक्त उनकी शादी को मात्र दो वर्ष ही हुए थे और उनका पुत्र केवल एक वर्ष का था।

 

विवादित प्लाट पर भारतीय दंड संहिता की धारा 144, 145 और बाद में 146 लागू होने बाद भी खेती कर रहे है विपक्षी 

पति की हत्या के बाद से ही वे लगातार थानों, अंचलों और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर लगाती रहीं, लेकिन आज तक जमीन पर उनका अधिकार सुनिश्चित नहीं हो सका है। मुन्नी देवी ने बताया कि अनुमंडल दंडाधिकारी कार्यालय द्वारा विवादित जमीन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 144, 145 और बाद में 146 तक लागू की गई। इसके तहत जुलाई 2024 में आदेश जारी हुआ कि विवादित जमीन के प्रबंधन हेतु इटाढ़ी अंचलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए और विवादित भूमि की नीलामी कर अन्य किसानों को बंदोबस्त किया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि अगर खेत में फसल खड़ी हो, तो स्थानीय थानाध्यक्ष की उपस्थिति में उसे करवा कर बिक्री की जाए और प्राप्त राशि नजारत कोषागार में जमा कर इसकी जानकारी न्यायालय को दी जाए। लेकिन पीड़िता का आरोप है कि इन तमाम आदेशों के बावजूद स्थानीय इटाढ़ी थाना प्रशासन की मिलीभगत से विपक्षी लगातार उक्त भूमि पर खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक जुलाई को बंदोबस्ती की तिथि तय की गई थी, लेकिन विपक्षी पक्ष के भय और दबाव के कारण कोई भी किसान उस जमीन की बंदोबस्ती लेने को तैयार नहीं हुआ। इससे पहले भी विपक्षियों द्वारा पुराने घर को ध्वस्त कर उसके ईंट, कंडे, पत्थर आदि भी जबरन उठा लिए गए।

 

मुन्नी देवी ने यह भी बताया कि उनके ससुर जो कि एक पूर्व सैनिक हैं, उन पर एवं मेरे पर वर्ष 2014 में जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में नगर थाना में वशिष्ट नारायण मिश्रा, ऋषिकांत मिश्रा (दोनों पिता स्व. रामचंद्र मिश्रा), अनिल मिश्रा, संजीव कुमार मिश्रा, सोनू कुमार मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हुई थी।

फिर भी इन लोगों का दबदबा बना हुआ है और मुन्नी देवी का परिवार आज भी दहशत की जिंदगी जीने को मजबूर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी उनके पुत्र की गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं, जिससे परिवार लगातार मानसिक प्रताड़ना और असुरक्षा के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहा है। अब मुन्नी देवी ने जिले के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेकर उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा एवं न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया के माध्यम से उनकी आवाज़ प्रशासन तक पहुंचेगी और वर्षों से लटके न्याय को वे जल्द ही प्राप्त कर सकेंगी।

वीडियो देखें :

 

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