जीवन का दूसरा अध्याय है सेवानिवृत्ति : जिला जज




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति किसी कर्मी के जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत होती है। उक्त बातें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने शुक्रवार को न्यायालय के वरिष्ठ कर्मचारी मैनेजर प्रसाद वर्मा की सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा।






उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी अपने अनुभवों और मूल्यों के साथ सामाजिक जीवन में नई भूमिका निभाते हैं। जिला जज ने यह भी बताया कि श्री वर्मा के सभी सेवांत लाभों के निष्पादन हेतु आवश्यक आदेश दे दिए गए हैं। इस अवसर पर कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार ने श्री वर्मा की 38 वर्षों की निष्कलंक सेवा को प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में कर्तव्यपरायणता, समर्पण और अनुशासन का परिचय देते हुए उदाहरण प्रस्तुत किया है।


मुंसिफ नेहा त्रिपाठी ने कहा कि श्री वर्मा एक अनुशासित एवं हँसमुख कर्मचारी रहे हैं, जिनकी उपस्थिति हमेशा न्यायिक परिसर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती रही है। उनके सेवानिवृत्त होने से न्यायमंडल को एक समर्पित सहयोगी की कमी खलेगी। नाज़िर संतोष कुमार द्विवेदी ने श्री वर्मा की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने न्यायालय की गरिमा बनाए रखते हुए अधीनस्थ कर्मचारियों को सदैव सम्मान दिया, जो उनके उच्च मानवीय मूल्यों का प्रमाण है।
समारोह में जिला न्यायाधीश ने श्री वर्मा को अंगवस्त्र और धार्मिक पुस्तकों के साथ सम्मानित करते हुए उनके सुखद, सफल एवं आध्यात्मिक जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर अनेक न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनमें राजीव कुमार श्रीवास्तव, मृत्युंजय, सुनील कुमार चक्रवर्ती, धनंजय तिवारी, दीपक कुमार गुप्ता, नायब नाज़िर कृष्णा नंद जायसवाल, देवाकांत पासवान, अरशद यूसुफ, आशीष रंजन, धनंजय कुमार, शैलेश ओझा, श्रवण कुमार आदि शामिल रहे।

