कुमार नयन की चौथी पुण्यतिथि पर प्रलेस द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन
‘जहां कोई कबीर जिंदा है' पुस्तक का हुआ लोकार्पण




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के स्टेशन रोड स्थित ज्योति प्रकाश लायब्रेरी में प्रदेश के जाने-माने शायर व समाजसेवी कुमार नयन की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर प्रलेस बक्सर के तत्वावधान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने की तथा संचालन डॉ बी एल प्रवीण ने किया। कार्यक्रम का संयोजन अनुराग कुमार के द्वारा किया गया।








कार्यक्रम का शुभारम्भ कुमार नयन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। तत्पश्चात अरुण शीतांश के संपादन में प्रकाशित पुस्तक ‘जहां कोई कबीर जिंदा है’। का लोकार्पण किया गया। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में घटित आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि स्वर रूप सबों ने दो मिनट का मौन धारण किया। कुमार नयन पर कई वक्ताओं ने अपना अनुभव साझा किया। अरुण शीतांश ने बताया वे संवेदना पुरुष थे। आलोश्या प्रकाश ने कहा आज साहित्यिक माहौल घटता जा रहा हो नयन जी साहित्य व राजनीति दोनों पर समान अधिकार रखते थे। डॉ शशांक शेखर ने कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं था परंतु समाज और साहित्य के लिए बहुत कुछ किया। साहित्यकार व अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने अपने विचार रखे और बताया जब भी उनकी पुस्तकों को पढ़ता हूं लगता है कि वे हमारे सामने खड़े हैं।




शिवबहादुर कुमार पांडेय ने कुमार नयन जैसे साहित्यकार की कमी पर प्रकाश डालते हुए कहा वे बराबर साहित्यिक गोष्ठियों किया करते थे। आज संभव नहीं दिख रहा। हमें इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। सुरेश संगम ने कहा नयन जी एक उम्दा गजलकार थे। मेरी समझ से गजल अपने-आप में एक सम्पूर्ण साहित्य है। नई पौधे को इसमें आगे आना चाहिए। मीरा सिंह मीरा ने अपनी काव्य रचना से सभी को अभिभूत कर दिया।
आज उजाला रोया है.
अंधियारे ने खोया है
जाने किसकी साजिश है
सूरज छिप कर रोया है।
नर्वदेश्वर उपाध्याय ने भी अपनी कविताओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में सुरेंद्र चंद्रवंशी, शिवजी सिंह, ई. रामाधार सिंह, कल्याण सिंह, राम मुरारी समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

