जायसवाल समाज के कुलदेवता राजेश्वर महाराज जी सहस्त्रार्जून का जन्मोत्सव धूमधाम से मना
त्रेतायुग मे रावण से भी शक्तिशाली राजा थे, सहस्त्रबाहु अर्जुन उसकी राजधानी महिष्मति नगरी जो नर्मदा तट पर बसी थी : प्रदीप जायसवाल
न्यूज़ विज़न। बक्सर
मंगलवार को जायसवाल समाज के कुल देवता राजेश्वर महाराज जी सहस्त्रा अर्जून का जन्मोत्सव समारोह जायसवाल सभा द्वारा पी.पी. रोड स्थित एक हॉल में धूमधाम से मनाया गया। साथ ही मौके पर दीप जलाकर समाज के कूल गौरव महान विद्वान इतिहासज्ञ डॉ काशी प्रसाद जायसवाल को भी याद किया गया। इनका जन्म 27 नवम्बर को है।
कार्यक्रम के आरम्भ में जायसवाल (सर्व) सभा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल ने अपने जायसवाल समाज के कुलदेवता सहस्त्रार्जुन के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि पराक्रमी राजा राज राजेश्वर सहस्त्रार्जून का जन्म कार्तिक माह के सप्तमी को हुआ था। इन्होंने भगवान दत्तात्रेय के घोर उपासना की थी वरदान में इन्हें एक हजार हाथों का वरदान मिला था। उसी समय से सहस्त्रबाहु जाने गये। वे त्रेतायुग मे रावण से भी शक्तिशाली राजा थे, सहस्त्रबाहु अर्जुन उसकी राजधानी महिष्मति नगरी जो नर्मदा तट पर बसी थी। वर्तमान में यह स्थान मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदा नदी के पास महेश्वर नगर है जहाँ पर भगवान सहस्त्रार्जून का मूर्ति और मंदिर स्थित है। सहस्त्रार्जुन अपने समय में तीनों लोक के राजा रावण को भी पराजित कर दिया था और रावण को अपने कारावास में बंदी बना कर रखा था। सहस्त्रार्जून क्षत्रिय समाज के हैहय वंश के राजा कार्तवीर्य और रानी कौशिक के पुत्र थे। जायसवाल जाति उन्हीं के वंशज है।
कार्यक्रम में सुरेश प्रसाद जायसवाल संगम ने बताया कि डॉ काशी प्रसाद जायसवाल एक महान विद्वान इतिहासकार, साहित्यकार और कई भाषाओं के जानकार थे, वे इंग्लैण्ड से पढ़ाई किये और कलकत्ता व पटना में वकालत भी शुरू किये वर्ष 1904 में जायसवाल उप जाति रखा था तब से सभी कलवार जायसवाल टाइटल लिखना शुरू कर दिये। आज पूरे भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी जायसवाल डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज बड़े बड़े सरकारी ओहदे पर कार्यरत हैं। जायसवाल में सात कुड़ी बंटे है लेकिन कलवार ही जायसवाल टाइटल लिख रहे है किन्तु व्याहुत, शौंडिक, खरीदा अन्य सभी जायसवाल टाइटल लिखना शुरू करें। जिससे आपसी एकता शादी ब्याह में परेशानी न हो।
लक्ष्मण जायसवाल ने भी कुलदेवता सहस्त्रार्जून और कूल गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल के बारे में कहा कि जायसवाल सभा और समाज को एक होने का आह्वान किया उन्होंने कहा अगर एक होकर रहोगे तो सेफ रहोगे और बटोगे तो कटोगे। कार्यक्रम का मंच का संचालन संजय चौधरी महासचिव ने किया ये अखिल भारतीय जायसवाल महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष भी है। ये अपने सभी स्वजातीय को हित चाहते है और उनके दुख दर्द में शामिल रहते हैं। उन्होंने सभा में ऐलान किया है कि बहुत जल्द वृहद रूप में जिला स्तर पर जायसवाल मधुर मिलन कराएंगे और कुशल मेघावी छात्रों को प्रशस्ति पत्र, मेडल साथ ही शादी ब्याह के लिये युवाओं और युवतियों का परिचय करायेंगे और गरीब लड़की के शादी में जायसवाल सर्व सभा द्वारा सहयोग राशि प्रदान किया जायेगा।
मौके पर जगदीश जायसवाल, दिनेश जायसवाल, काशीनाथ जायसवाल, अशोक कुमार जायसवाल, लक्की जायसवाल, राजन कुमार जायसवाल, गुलाब चंद जायसवाल, कृष्णा जायसवाल, अमित कुमार जायसवाल , निर्मल कुमार जायसवाल, विनोद, स्वराज, संजय, ओमप्रकाश, अनिल, मुरलीधर, वेद प्रकाश, महेश प्रसाद, अरबिन्द कुमार उर्फ़ बबलू जी, उज्जवल, राकेश कुमार, जितेन्द्र कुमार, भोला, अनिल कुमार, गणेश प्रसाद, अरबिन्द कुमार बंटी, गिरीश कुमार, राज कुमार, सुरेश प्रसाद, डॉ अश्विनि कुमार, तारकेश्वर प्रसाद, यश कुमार ‘ शिव प्रसाद साह, प्रहलाद प्रसाद, रविशंकर, प्रकाश कुमार ‘ शिव जी ‘ पिन्टू ‘ नीलेश जायसवाल इत्यादि लोग उपस्थित थे।