अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर चित्रांकन, निबंध लेखन व अन्य प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
शिक्षा एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु संग्रहालय की भूमिका महत्वपूर्ण है : डॉ सुबाष चंद्र पाठक




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शिक्षा एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु संग्रहालय की भूमिका महत्वपूर्ण है। उक्त बातें शनिवार को सीताराम उपाध्याय संग्रहालय,में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस समारोह का शुभारंभ करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद तथा महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डा सुभाष चन्द्र पाठक ने कहा। उन्होंने कहा कि संग्रहालय शिक्षा एवं संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है तथा इनके विकास में संग्रहालय की भूमिका महत्वपूर्ण है।











डॉ पाठक ने कहा कि दृश्य शिक्षण सैकड़ों वर्षों से सीखने का बेहतर तरीका रहा है तथा संग्रहालय द्वारा भारत एवं नेपाल की धरोहर को देखते हुए चित्रांकन प्रतियोगिता करने हेतु जो कार्यक्रम आयोजित किया गया है वह उत्साहवर्धक है। लर्निंग बाय डूइंग भारतीय ज्ञान परंपरा खासकर गुरुकुल पद्धति के जड़ से जुड़ा रहा है। एम पी हाईस्कूल बक्सर के प्राचार्य डॉ विजय कुमार मिश्र ने कहा कि संग्रहालय संस्कृति का केन्द्र है जहां लोग अपनी विरासत के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं तथा अपनी धरोहरों को बचाने का हुनर सीखते हैं। डॉ मिश्र के अनुसार संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र के नेतृत्व में संग्रहालय द्वारा जो एक्टिविटी शुरू की गई है इससे संग्रहालय की उपयोगिता एवं इसके महत्व के विषय में लोगों में जागरूकता पैदा होगी। धरोहर से संबंधित चित्रांकन, प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन एवं भाषण प्रतियोगिता के द्वारा बच्चों में अपनी विरासत के विषय में जागरूकता पैदा होती है। बक्सर जिला के प्राचीन मूर्तिकला विशेषकर टेराकोटा आर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां की मृणमूर्तियों में केशविन्यास दुर्लभ है।
संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस समारोह आयोजित करने के उद्देश्य एवं उपादेयता पर प्रकाश डाला। डा मिश्र के अनुसार अपनी विरासत को संभालकर रखना तथा आमलोगों में इनके प्रति जागरूकता पैदा करना संग्रहालय का प्रमुख दायित्व है। भारत एवं नेपाल की धरोहरों से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर पाठक एवं डा विजय कुमार मिश्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। फोटो प्रदर्शनी में बक्सर जिला की सूर्य, रेवन्त, सिंहवाहिनी दुर्गा आदि के चित्रों के अलावा भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल, कुशीनगर एवं जन्मभूमि लुम्बिनी, गांधी आश्रम,भितिहरवा, अशोक स्तंभ, रमपुरवा, पश्चिमी चंपारण एवं अशोक स्तंभ एवं बौद्ध स्तूप कोल्हुआ, मुजफ्फरपुर , विक्रमशिला विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर, बाबू वीर कुंवर सिंह स्मृति संग्रहालय, जगदीशपुर,भोजपुर, देव बरुणार्क ,भोजपुर के सूर्य, विष्णु, दुर्गा , महिषासुरमर्दिनी आदि ,भोजपुर कोठी के नील कारखाना एवं निलहा कोठी, जगदीशपुर के हेरिटेज भवन एवं आरा का आरा हाउस, मसाढ , देवढिया, सिताबपुर आदि के मंदिर, राजपुर किला, बक्सर आदि के फोटो प्रमुख हैं। संग्रहालय की सामग्रियों एवं प्रदर्शनी को देखकर स्कूली बच्चों द्वारा चित्रांकन किया गया।
चित्रांकन प्रतियोगिता में राज्य पोषित बालिका उच्च विद्यालय, एम पी हाईस्कूल, फाउंडेशन स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल आदि अनेक विद्यालयों के के दर्जनों छात्र छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के डा नवीन शंकर पाठक, डा प्रियरंजन चौबे , पूर्व अभिलेख पदाधिकारी डा जवाहर लाल वर्मा,एस एस गर्ल्स हाई स्कूल की सुनीता कुमारी, एम पी हाईस्कूल के अशोक कुमार,नीता कुमारी, अनीता कुमारी, डीएवी पब्लिक स्कूल के जीतेन्द्र कुमार सिंह, सुमित पाठक, प्रतिमा सिंह आदि शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भी अपने विचार रखे। अवधायक डा निर्मला शुक्ला द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का रुप रेखा प्रस्तुत किया गया। डा शुक्ला ने बताया कि रविवार को धरोहर से संबंधित प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जबकि सोमवार को भाषण प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण होगा। उनके द्वारा प्रतियोगिता का संचालन भी किया गया। इस अवसर पर मोहम्मद साहब मंजर, रामप्रीत ठाकुर, मोहम्मद आशिक, अभिषेक चौबे,अभिनव कुमार सहित संग्रहालय के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।

