स्वतंत्रता सेनानी भोलानाथ केसरी की जयंती पर पितृपक्ष की महत्ता विषयक संगोष्ठी एवं पाठ्य पुस्तकों का वितरण




न्यूज़ विज़न। बक्सर
स्वतंत्रता सेनानी भोलानाथ केसरी बासमती देवी स्मृति समिति, के तत्वाधान में ,समिति के संगठन सचिव साहित्यकार, डॉ ०ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन के संयोजन एवं संचालन में तथा समिति के अध्यक्ष समाजसेवी, डॉ महेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी पितृपक्ष में पितृपक्ष का महत्व विचार गोष्ठी एवं छात्र छात्राओं के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण कार्यक्रम, श्रद्धा समर्पित और जयंती समारोह समिति के बैनर तले, पार्वती परिसर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।
आयोजित समारोह का उद्घाटन, वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा. पूर्व न अध्यक्ष मीना सिंह, सूबेदार पांडेय, अतुल मोहन, शशि भूषण मिश्र, ई०रामाधार सिंह, शिव बहादुर पांडेय, विनोधर ओझा, श्रीकांत,सहित आदि महानुभवों द्वारा दीप प्रज्वलित करके एवं स्वतंत्रता सेनानी के तैल तस्वीर पर माल्यार्पण करके किया, इसमें गणेश उपाध्याय जी भी शरीक रहे।
सर्वप्रथम अध्यक्ष डॉ महेंद्र प्रसाद ने समिति के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए बताये इस समिति के माध्यम से हम सभी समाज के अन्दर यह स़ंदेशदेना चाहते हैं किअपने पूर्वजों के प्रति हमारा क्या कर्तव्य बनता हैसाथ ही साथ इस समिति के माध्यम से अनेक और कार्यक्रम समयानुसार किया जाता है।
रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने स्वतंत्रता सेनानी भोलानाथ जी एवं उनकी धर्म पत्नी बासमती देवी को नमन करते हुए, कहा कि अपने पूर्वाजो को याद करना बहुत ही अत्यावश्यक है। मीनासिंह ने कहा कि जिस तरज्ञ से पवननन्दन,अपने माता पिता को इस कार्यक्रम के तहत याद करते हुए उनका सम्मान करते हैं ,वैसै ही हम सभी का फर्ज बनता है कि हम उन्हें याद करें याद रखें क्योंकि हम सभी का जीवन हमारे पूर्वजों की ही देन है।
संचालन करते हुए डॉ ०पवननन्दन ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भोलानाथ परिक्षेत्र में समस्त सेनानियों के सिरमोर के रुप में थे .उनके साथ काका जी, शंकर दयाल जायसवाल, बद्री जायसवाल गोपाल पांडेय सहित अनेक सेनानी कार्यरत होकर देश कोआजाद कराने में लगे थे। १९४२ के आन्दोलन में इनलोगों का कार्य चरम पर था। भोलानाथ केसरी वर्धा में गांधी जी के साथ छ:महीने रह कर कार्य किये थे।









